बीजेपी पर तंज कसते हुए सीपीआई नेता अजय कुमार सिंह रांची:पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चंदन कियारी के विधायक अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष और विधायक जेपी भाई पटेल को सचेतक बनाए जाने को लेकर विपक्षी पार्टियों ने प्रतिक्रिया दी है. वाम दल के नेताओं ने कहा कि जिस तरह से अमर बाउरी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है और जयप्रकाश भाई पटेल को सचेतक, इससे तो यही प्रतीत हो रहा है कि भाजपा के पास नेताओं की कमी हो गई है.
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ने क्या कहा:भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी खुद को बड़ी पार्टी कहती है. लेकिन उनके पास झारखंड में नेता नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को छोड़कर बीजेपी का बाहर से आए नेताओं को नेतृत्व देना समझ से परे है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से अजय कुमार सिंह ने कहा कि एक तरफ झारखंड के पुराने आंदोलनकारी के रूप में भारतीय जनता पार्टी खुद को स्थापित करती है. दूसरी तरफ नेतृत्व के लिए बाहरी नेताओं को जिम्मेदारी दे रही है.
बीजेपी में बाहर से आए नेताओं को बागडोर:सीपीआई नेता अजय कुमार सिंह ने अमर बाउरी और जयप्रकाश भाई पटेल पर निशाना साधते हुए कहा कि ये दोनों क्रमश: जेवीएम और जेएमएम के नेता हुआ करते थे. बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. उसके बावजूद पुराने कार्यकर्ताओं को छोड़कर बाहर से आए नेताओं को बागडोर देना कहीं ना कहीं से कई सवाल खड़ा करता है.
प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल पर भी साधा निशाना:वहीं बाबूलाल मरांडी पर भी निशाना साधते हुए अजय ने कहा कि बाबूलाल मरांडी भारतीय जनता पार्टी के घोर विरोधी हुआ करते थे और भारतीय जनता पार्टी भी बाबूलाल मरांडी को अपना विरोधी मानती थी. आज बीजेपी ने सारी बातों को भूलकर उन्हें पूरी पार्टी की कमान दे दी है. भारतीय जनता पार्टी के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि उनके पास नेताओं की घोर कमी है. इसी वजह से बाहर से आए नेताओं पर भरोसा जताना पड़ रहा है.
बीजेपी के अंदर आंतरिक कलह:वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि जिस तरह से बाहरी नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है, इससे यही स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी के अंदर आंतरिक कलह है. जिसका खामियाजा भाजपा के कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड बीजेपी का इस तरह का निर्णय स्पष्ट बता रहा है कि आने वाले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का जनाधार घटने वाला है. इसी कारण से दूसरी पार्टी से आए नेताओं को पार्टी में शामिल कर उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.