रांची: झारखंड के सियासत में तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस घमासान के बीच राज्य के शहरी विकास मंत्री सीपी सिंह ने सरायकेला खरसावां में तबरेज की कथित भीड़ से पिटाई के बाद हुई मौत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सीपी सिंह के अनुसार तबरेज एक चोर था ना कि सीमा पर शहीद हुआ कोई जवान.
हेमंत ने साधा निशाना
वहीं, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने तबरेज मामले कल लेकर कहा कि उनके कार्यकाल में कभी मॉब लिंचिंग की घटना नहीं हुई. बीजेपी के शासन काल में इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही है, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए. हेमंत सोरेन के अनुसार झारखंड में तबरेज अंसारी का ही एकमात्र मामला नहीं है यहां पलामू के सतबरवा में भी 12 निर्दोष लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था, जबकि नकली नक्सली बनाकर युवाओं को जेल भेजने का काम भी किया गया था. हेमंत ने झारखंड के पूर्व डीजीपी पर पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व डीजीपी झारखंड को नक्सल मुक्त घोषित करने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम करने वाले थे, लेकिन उसके ठीक एक दिन पहले चाईबासा में एक बड़ी वारदात हो गई, जिसकी वजह से वह कार्यक्रम टाल दिया गया था.
मौत दुखद लेकिन महिमा मंडित न करें
तबरेज अंसारी की मौत के मामले में सरायकेला-खरसावां पुलिस ने 13 नामजद आरोपियों में 11 के खिलाफ 29 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन तीन दिन पहले इन 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत लगाए गए हत्या के आरोप को हटा लिया गया है और वे अब आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मुकदमे का सामना करेंगे.