रांची:मामा-भांजी के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दुष्कर्म और शादीशुदा जिंदगी को बर्बाद करने के मामले में अभियुक्त इंद्रजीत जायसवाल को पॉक्सो की विशेष अदालत ने आईपीसी पॉक्सो और आईटी की विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 2 लाख का जुर्माना लगाया है, जुर्माने की राशि अदालत ने पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं. पॉक्सो की विशेष अदालत ने मामले की पूर्व में सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया था और गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की फैसला सुनाई है.
अंतिम सांस तक दोषी को जेल की चारदीवारी में बंद रहना होगा. अदालत के फैसला को लेकर पीड़ित परिवार के आंखों में संतोष देखने को मिली, परिवार के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की.
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मामला बुंडू थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, अभियुक्त पलामू के चैनपुर के शाहपुर गांव का रहने वाला है. पीड़िता का चचेरा भाई का मामा लगता है. पीड़िता के चाचा की मौत 2017 में हो गई थी. जिसके बाद से आरोपी इंद्रजीत जायसवाल बराबर बुंडू आता जाता रहता था.
नवंबर 2011 में जब पीड़िता 13 साल की थी, तब उसके साथ गलत हरकत करता था. जुलाई 2016 में पिस्तौल के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका अश्लील फोटो भी खींच लिया, पीड़िता जब मैट्रिक पास कर आगे की पढ़ाई करने रांची आई तो यहां भी पीछा करने लगा. हद तो तब हो गई जब 30 अप्रैल 2018 को शादी के 1 दिन बाद से पीड़िता और उसके पति को परेशान करने लगा और पीड़िता के पति को व्हाट्सएप के माध्यम से दुष्कर्म के दौरान खींची गई अश्लील फोटो भेज दिया.
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इससे पीड़िता का वैवाहिक जीवन टूट गया. पति ने उसे मायके पहुंचा दी. 16 मई 2018 को पीड़िता ने बुंडू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई. 28 जून को पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पीड़िता का कहना है कि उसकी मां की मौत हो गई थी, इस कारण चाचा के साथ रहती थी. अभियुक्त बार-बार यह कहता था कि घटना के बारे में किसी को बताओगी तो पिता और भाई को जान से मार देंगे.