झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

स्वास्थ्य मंत्री की गुहार के बाद भी केंद्र से नहीं मिला कोरोना टीका, झारखंड में वैक्सीन की उपलब्धता अभी भी शून्य

झारखंड में पिछले कई दिनों से कोरोना टीकाकरण का काम बंद है. क्योंकि राज्य में वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता केंद्र से 50 हजार डोज की मांग दो बार कर चुके हैं.

Corona vaccination stopped due to lack of vaccine in Jharkhand
Corona vaccination stopped due to lack of vaccine in Jharkhand

By

Published : Apr 21, 2023, 9:34 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना तेजी से फैल रहा है. अभी राज्य में 283 कोरोना के एक्टिव केस हैं, तो वैक्सीन की उपलब्धता अभी भी शून्य है. झारखंड में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता जीरो तब है जब स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से दो-दो बार 50 हजार वैक्सीन देने की मांग की जा चुकी है.

ये भी पढ़ें-Vaccination in Jharkhand: झारखंड में कोरोना वैक्सीन की किल्लत, मांग के बावजूद केंद्र ने नहीं उपलब्ध कराया टीका- झामुमो

कोरोना वायरस का तेजी से हो रहा है झारखंड में फैलाव: कोरोना वायरस के वैरियंट ओमीक्रोन के नए सब वैरियंट XBB1.16 इन दिनों झारखंड में तेजी से फैल रहे हैं. झारखंड में अभी 24 में से 18 जिले में कोरोना के संक्रमित मरीज हैं और कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 283 हो गया है.

केंद्र से नहीं मिला कोरोना का वैक्सीन: कोरोना को लेकर इस महीने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी. इस बैठक में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने केंद्र से तत्काल 50 हजार वैक्सीन झारखंड को अलॉट करने की गुहार लगाई थी. स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य को दिए जाने वाले वैक्सीन का एक्सपायरी लंबे दिनों का हो यह भी आग्रह किया था. स्वास्थ्य मंत्री के आग्रह के 15 दिन से ज्यादा बीत जाने के बावजूद अभी तक केंद्र से वैक्सीन राज्य को नहीं मिला है. नतीजा यह कि राज्य में कोरोना का टीकाकरण पूरी तरह से बंद है.

हर्ड इम्युनिटी की बात करते हैं सिविल सर्जन:राज्य सरकार के आग्रह के बावजूद अभी तक केंद्र से कोरोना से बचाव का वैक्सीन नहीं मिलने से राज्य भर में टीकाकरण बंद है. वहीं, रांची (जहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं) के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार कहते हैं कि अभी टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन कोरोना से निपटने की अन्य तैयारियां की जा रही है. अस्पताल में बेड सुरक्षित रखा गया है, दो-दो बार मॉक ड्रिल हो चुका है. सिविल सर्जन कहते हैं कि जब वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है तो समाज में उस वैक्सीन के प्रति हर्ड इम्युनिटी पैदा हो जाती है. ऐसे में जो लोग वैक्सीन नहीं लिए हुए है उनका भी वायरस से बचाव हो जाता है.

कोरोना कवच के रूप में वैक्सीन तब कारगर जब लिया जाए कम से कम दो डोज:झारखंड में वर्ष 2020 से ही कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर बिमलेश सिंह, डॉ अजीत कुमार, डॉ एके झा, डॉ प्रभात कुमार जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक सच्चाई है कि कोरोना से बचाव का वैक्सीन तब अधिक लाभकारी साबित होता है जब निर्धारित समयांतराल पर दो डोज लिया जाए. उसके एक निश्चित अवधि के बाद बूस्टर डोज की भी जरूरत पड़ती है. ऐसे में जब राज्य में कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच रूपी वैक्सीन का दूसरा डोज ही लगभग 70-71 लाख लोगों ने नहीं लिया है तो स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. 12 वर्ष से 17 वर्ष के 13 लाख 33 हजार 425 बच्चों ने वैक्सीन का फर्स्ट डोज भी नहीं लिया है.

12-14 वर्ष के बच्चों में टीकाकरण बेहद कम:राज्य में 12 से 14 वर्ष वाले कुल 15 लाख 94 हजार बच्चों में से 10 लाख 62 हजार 591 (67%) बच्चों ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है. 15 से 17 वर्ष ऐज ग्रुप के 23 लाख 98 हजार किशोरों में से 15 लाख 95 हजार 984 (67%) ने वैक्सीन का पहला डोज लिया है. वैक्सीन का पहला डोज ही नहीं लेने वालों की संख्या 08 लाख 02 हजार 16 (33%) है. 15-17 वर्ष के सिर्फ 11 लाख 25 हजार 44 किशोरों ने वैक्सीन का दूसरा डोज लिया है.


अठारह वर्ष से अधिक उम्र समूह वाले भी 49 लाख 38 हजार 577 लोग ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है. चिंता की बात यह है कि इस उम्र समूह में वे बुजुर्ग भी शामिल हैं जो पहले से किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनपर कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है. कोरोना वैक्सीन की शून्यता झेल रहे झारखंड के स्टेट टीकाकरण अधिकारी डॉ राकेश दयाल ने फोन पर बताया कि फिर एक बार केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए लिखा जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि जल्द वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details