झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

स्वास्थ्य सचिव का बयान, बिहार-बंगाल से आए लोगों के कारण कोरोना संक्रमण बढ़ा 65 प्रतिशत

झारखंड में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसको लेकर राज्य सरकार अब रेस हो गई है. इसी क्रम में निजी अस्पतालों के संचालकों से बात कर कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए रेट तय कर दिए जाएंगे.

Corona treatment rates will be decided soon in private hospitals
प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज के रेट जल्द किए जाएंगे तय

By

Published : Jul 27, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Jul 28, 2020, 8:58 AM IST

रांची: कोरोना के संकट को देखते हुए राज्य सरकार अब रेस हो गई है. स्वास्थ्य विभाग कोरोना के संकट को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि संक्रमण का दौर लगातार जारी है और इस संकट में राज्य सरकार लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए तैयार भी है. खासकर उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए यह स्पष्ट किया कि अगले एक सप्ताह के अंदर निजी अस्पतालों के संचालकों से बात कर कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए रेट तय कर दिए जाएंगे, ताकि निजी अस्पताल में भी राज्य के साधारण लोग अपना इलाज करवा सकें. बता दें कि वर्तमान में लोगों के मन में यह भय बना रहता है कि अगर निजी अस्पताल में कोरोना का इलाज कराने पहुंचते हैं तो उन्हें अत्यधिक खर्चा देना पड़ेगा, जिस वजह से कई लोग अपना बेहतर इलाज नहीं करवा पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमित रांची विधायक सीपी सिंह का स्वास्थ्य सामान्य, टीवी देखकर बिता रहे समय

नितिन मदन कुलकर्णी ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में राज्य में कुल 8479 संक्रमित मरीज हैं, जिसमें 3074 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं, वहीं, 4,689 मरीज राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाजरत हैं. 4,689 इलाजरत मरीज में 4,050 ऐसे मरीज हैं, जिनमें कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं. वहीं, कोरोना से 23 मरीज ऐसे हैं जिन का इलाज ऑक्सीजन पर हो रहा है तो वहीं, 22 मरीज ऐसे हैं जो फिलहाल वेंटिलेटर पर इलाजरत हैं. स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने जानकारी देते हुए बताया कि 6,982 बेड का इंतजाम नॉर्मल आइसोलेशन वार्ड में किया गया है तो वहीं, 2,411 बेड का इंतजाम डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में किया गया है. डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर के 2411 बेडो में 1956 बेडों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही 58 बेडों पर वेंटिलेटर की व्यवस्था उपलब्ध है.

वहीं, कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए बनाए गए डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में 354 बेड पूरी तरह से आईसीयू के रूप में तैयार हैं, जिसमें 204 बेडों पर वेंटिलेटर की व्यवस्था भी की गई है. इसके अलावा रांची जिले में एक सप्ताह के अंदर 3,600 बेडों का इंतजाम किया जा रहा है. फिलहाल, रांची के कुटे और खेल गांव स्थित 670 बेडों का इंतजाम किए गए हैं. स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में 65% संक्रमण ऐसे लोगों की वजह से फैला है जो हाल फिलहाल में बिहार और बंगाल राज्य से झारखंड पहुंचे हैं, वहीं उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे भी मामले देखे गए हैं, जिसमें कोरोना के संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज करने के लिए झारखंड लाया गया है. स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में रांची के रिम्स, इटकी आरोग्यशाला, जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज, धनबाद के पीएमसीएच अस्पताल और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में कोरोना के सैंपलों की जांच हो रही है. वहीं, एक सप्ताह के अंदर पलामू मेडिकल कॉलेज और दुमका मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना के सैंपलों के जांच की व्यवस्था शुरू हो जाएगी. 87 ट्रूनेट मशीन से भी कोरोना के सैंपलों की जांच की जा रही है. राज्य के विभिन्न सदर अस्पतालों में ट्रूनेट मशीन से जांच किए जा रहे हैं.

प्रेस वार्ता में मौजूद परिवहन विभाग के सचिव के रवि कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि होम आइसोलेशन के उल्लंघन के कुल 81 मामले पाए गए हैं. जिसको लेकर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है. बता दें कि राज्य सरकार के द्वारा 17 जुलाई को यह आदेश जारी किया गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति झारखंड में बाहर के राज्यों से आते हैं तो उन्हें 14 दिनों तक का होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति होम आइसोलेशन के आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके ऊपर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.

मास्क पहनने और संक्रमण अधिनियम के कानून को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने किया स्पष्ट
स्वास्थ सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी अधिनियम के तहत बनाए गए कानून को लेकर स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति संक्रमण फैलाने में बड़ा दंड करता है तो उसके लिए अधिकतम एक लाख तक का जुर्माना और दो साल की सजा तय किया गया है और यदि कोई व्यक्ति संक्रमण फैलाने में कम दंड करता है तो उसके लिए न्यूनतम जुर्माना तय किया गया है. बता दें कि राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों यह कानून बनाया गया है अगर कोई व्यक्ति कोरोना महामारी अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसके लिए अधिकतम एक लाख का जुर्माना और 2 वर्ष की सजा निर्धारित होगी.

Last Updated : Jul 28, 2020, 8:58 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details