रांची:पिछले कुछ समय से डॉक्टर देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं. कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढ़ भी रहे हैं और इसको लेकर लगातार अलर्ट जारी किया जा रहा है. कोरोना के नए वेरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है लेकिन, झारखंड के लिए अच्छी बात ये है कि कोरोना के केस लगातार कम हो रहे हैं. दूसरी लहर के दौरान मई की शुरुआत में जहां एक्टिव केस की संख्या 61 हजार पहुंच गई थी. वहीं, अब यह गिरकर 320 पर आ गया है. आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में कोरोना के एक्टिव केस तेजी से कम हुए हैं.
हर दिन 2.6% कम हो रहे एक्टिव केस
झारखंड में पिछले 10 दिनों के डेटा एनालिसिस के हिसाब से हर दिन औसतन 2.6% एक्टिव केस कम हो रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से रोजाना 8 केस कम हो रहे हैं. अगर यही रफ्तार रही तो सितंबर तक झारखंड में कोरोना के एक्टिव केस जीरो हो जाएंगे. यानि अगले दो महीने के अंदर झारखंड कोरोना मुक्त हो सकता है. लेकिन, पिछले पांच दिनों की बात करें तो झारखंड में एक्टिव केस घटने की रफ्तार थोड़ी कम हुई है. अगर यह रफ्तार नहीं बढ़ी तो एक्टिव केस की संख्या जीरो तक पहुंचने में थोड़ा ज्यादा वक्त लग सकता है.
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मार्च से बढ़ने लगे केस, अप्रैल में टूटे सारे रिकॉर्ड, मई में सुधरी स्थिति
झारखंड में मार्च के आखिरी सप्ताह से कोरोना के केस तेजी से बढ़ने लगे थे. अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूट गए. 28 अप्रैल को झारखंड में 8 हजार से ज्यादा केस मिले थे. मई के दूसरे हफ्ते से हालात ठीक होने लगे. हर दिन मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 2 हजार के नीचे पहुंची. मार्च के बाद 29 जून को पहली बार एक्टिव केस की संख्या एक हजार के नीचे पहुंची.
पिछले कुछ दिनों में एक्टिव केस की संख्या तेजी से कम हुई है. गिरिडीह में कोई एक्टिव केस नहीं, 11 जिलों में दस से भी कम केस बचे
वर्तमान में गिरिडीह एकमात्र जिला है जहां कोरोना का कोई एक्टिव केस नहीं बचा है. पिछले दिनों पाकुड़ में भी कोई एक्टिव केस नहीं था. लेकिन, वर्तमान में एक एक्टिव केस है. गढ़वा और चतरा भी पहले कोरोना मुक्त हो चुके हैं लेकिन अभी चतरा में 3 और गढ़वा में 2 एक्टिव केस हैं. 11 ऐसे जिले हैं जहां 10 से भी कम एक्टिव केस हैं. देवघर में 8, दुमका में 4, खूंटी में 2, लातेहार में 9, पलामू में 9, साहिबगंज में 7, सरायकेला में 6 और पश्चिमी सिंहभूम में 5 केस बचे हैं. सबसे ज्यादा 67 एक्टिव केस रांची में बचे हैं.
रिकवरी रेट 98.4%, राष्ट्रीय औसत से एक फीसदी ज्यादा
फरवरी में झारखंड का रिकवरी रेट 99% तक पहुंच गया था, लेकिन मार्च से केस बढ़ने लगे और रिकवरी रेट लगातार गिरता चला गया. मई से जब हालात ठीक होने लगे तब रिकवरी रेट भी सुधरने लगा. एक बार फिर झारखंड का रिकवरी रेट 98.4% पर पहुंच गया है और यह राष्ट्रीय औसत से एक फीसदी ज्यादा है. देश का रिकवरी रेट 97.3% है.
मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक, यह चिंता का विषय
झारखंड में कोरोना से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है. झारखंड में मृत्यु दर जहां 1.47% है वहीं राष्ट्रीय औसत 1.3% है. लेकिन, अच्छी बात ये है कि झारखंड में पिछले दस दिनों में 8 दिन कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई. 19 जुलाई को 2 और 13 जुलाई को कोरोना से एक की जान गई है.
ग्रोथ रेट कम, डबलिंग रेट भी काफी धीमा
झारखंड के लिए अच्छी बात ये है कि राज्य में कोरोना का ग्रोथ रेट काफी कम है. राज्य में कोरोना का ग्रोथ रेट 0.01% है जो राष्ट्रीय औसत से 0.08% कम है. डबलिंग रेट यानि कोरोना केस के दोगुने होने की रफ्तार भी काफी कम है. इसका राष्ट्रीय औसत जहां 761 दिन है वहीं झारखंड का औसत 5037 दिन है. ये आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कोरोना से हालात हर दिन ठीक हो रहे हैं. यही रफ्तार रही तो झारखंड जल्द कोरोना मुक्त राज्य हो सकता है.