रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण ने आम आदमी की जीवनशैली बदल दी है. उसका प्रभाव सरकार की कार्यशैली में भी दिखने लगा है. कोविड-19 के के कहर के बाद सरकारी कार्यालयों में काम करने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. एक तरफ जहां लोग बिना मास्क के नजर नहीं आते. वहीं हर ऑफिस के बाहर सेनेटाइजर की बोतल रखी होती है.
कोरोना के इस काल में सरकारी दफ्तरों में भी भीड़भाड़ से परहेज किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला भी पूरी तरह से अपनाया जा रहा है. सरकारी दफ्तर के बाहर रखे सेनेटाइजर की बोतल से हर आने जाने वाले लोग अपने हाथ को साफ करने लगा है. इतना ही नहीं थर्मल स्केनर भी गेट पर बॉडी टेंप्रेचर जांच के लिए उपयोग में लाया जा रहा है.
सरकारी दफ्तर के कामकाज को लेकर जारी हुआ है पत्र
झारखंड सरकार के स्टेट सेक्रेटेरिएट के अलावा सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज को लेकर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने एक पत्र जारी किया है. उसके अनुसार डिप्टी सेक्रेटरी और उससे ऊपर के अधिकारी हर रोज दफ्तर आएंगे, जबकि उससे नीचे रैंक के कर्मियों को रोस्टर के अनुसार बुलाया जा रहा है. इसका अनुपालन न केवल सचिवालय बल्कि सभी सरकारी दफ्तरों में किया जा रहा है.
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सीएम खुद लगाते हैं मास्क
झारखंड सरकार के तीन मुख्य सचिवालय हैं जिनमें धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट बिल्डिंग और एफएपी बिल्डिंग है. वहीं दूसरी तरफ डोरंडा का नेपाल हाउस है, जहां कृषि, स्वास्थ्य और जल संसाधन मंत्री का दफ्तर है. इन सभी इमारतों के गेट पर हाथों में सेनेटाइजर लिए एक कर्मी नजर आता है, जो हर आने जाने वाले के हाथ सेनेटाइ करता है. यहां तक कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी प्रोजेक्ट बिल्डिंग में प्रवेश के साथ ही थर्मल स्कैनर से अपना तापमान की जांच कराने में पीछे नहीं हटते, साथ ही वहां से हर आनेजाने वाले कि जांच भी की जाती है.
मास्क पहने सीएम हेमंत सोरेन कॉरिडोर में नहीं दिखते कर्मी चहलकदमी करते
झारखंड मंत्रालय स्थित कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. सचिवालय के कॉरिडोर में पहले हमेशा कर्मी चहल कदमी करते नजर आते थे, वह अब शांत है. ऐसा ही हाल सरकारी दफ्तरों और नगर निकाय का दफ्तरों में भी देखने को मिल रहा है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो अब सरकारी फाइल मूवमेंट में व्हाट्सएप और एसएमएस का उपयोग ज्यादा हो रहा है. उन्होंने बताया कि अब व्हाट्सएप पर पीडीएफ फाइल का आदान-प्रदान होता है और उसी पर सहमति भी ली जा रही है.
रोस्टर के अनुसार बुलाया जा रहा है कर्मियों को
पंडरा स्थित कृषि बाजार समिति के सचिव अभिषेक आनंद कहते हैं मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंस का पहले इस्तेमाल नहीं होता था, कोविड-19 के बाद लोग अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग मैंडेटरी हो गई है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय में भी कर्मियों को रोस्टर ड्यूटी के आधार पर बुलाया जा रहा है, ताकि उपस्थिति कम रहे और सुचारू रूप से काम पर चलता रहे.
पूरी सुरक्षा के साथ कोरोना वॉरियर्स कर रहे हैं ड्यूटी
रांची नगर निगम के डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर रजनीश कुमार ने कहा कि कोरोना ने वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है. हालांकि नगर निगम की सर्विस जरूरी सेवा के कोटे में आती है. ऐसे में लोगों को साफ रखना और खुद की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनके कंधों पर है. उन्होंने कहा यह काम घर बैठकर नहीं हो सकता है, इसलिए दफ्तर आना होता है. उन्होंने कहा कि निगम कर्मी अपनी जिम्मेदारी इस दौर में बखूबी निभा रहे हैं. निगम कर्मी को निगम के तरफ से पूरी सुरक्षा के साथ फील्ड में उतारा जा रहा है.
पूरी जीवन शैली में आया बदलाव
रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि कोरोना ने सबकी जीवन शैली को बदल कर रख दिया है। बिना मास्क के लोग घर से बाहर नहीं निकलते हैं और साबुन का उपयोग जरूरी हो गया है, महामारी ने पूरी जीवन शैली को बदल दिया है. उन्होंने कहा कि निगम कर्मी भी अपने काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कर रहे हैं, साथ ही मास्क और सेनेटाइजर का भी उपयोग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर है मैसेज
जैसे ही कोरोना का संक्रमण राज्य ने दस्तक दी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर पर उनके नाम के साथ घर मे रहने का टैग लाइन जुड़ गया है. इतना ही नहीं अपने हर भाषण उर बोलचाल में वो एकबात जरूर बोलते नजर आते हैं कि आपस मे दूरी बनाए पर दिलों को जरूर जोड़े रखें.