रांचीः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहे मेडिकलकर्मी आंदोलित हैं. सोमवार को मोरहाबादी में राज्यभर से आईं 4000 से अधिक अनुबंधित नर्स और अनुबंधित पारा मेडिकल स्टाफ जमा हुए हैं. ये सभी यहां से मुख्यमंत्री आवास का घेरने के लिए निकलेंगे.
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इससे पहले 8 जनवरी को अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों का शिष्टमंडल रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार और डीसी राहुल कुमार से मिला. इस शिष्टमंडल के द्वारा उनको मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग और आंदोलन की रूपरेखा से अवगत कराया. जिसमें सोमवार (16 जनवरी) को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहीं ANM-GNM नर्स, पारा मेडिकलकर्मी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की घोषणा की थी.
अनुबंधित मेडिकल स्टाफ का आंदोलनः इस आंदोलन के तहत 17 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल और रांची राजभवन के धरना प्रदर्शन किया जाएगा. अगर इसके बाद भी इनकी मांगें पूरी पूरी नहीं होती हैं तो राज्यभर के अनुबंधित मेडिकल स्टाफ द्वारा 24 जनवरी से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया है. ये अनशन उस वक्त तक चलता रहेगा जब तक अनुबंधित नर्सों-पारा मेडिकलकर्मियों की विभागीय नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती है.
अनुबंधित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों की मांग: पारा मेडिकल नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी पारा मेडिकलकर्मियों का साल 2014 की तरह विभागीय नियमितीकरण की प्रकिया अविलंब शुरू कराना इनकी मुख्य मांगों में से एक है. इसके अलावा प्रदेश में NHM के तहत करीब 4 हजार 600 ANM नर्स,1 हजार GNM नर्स और 2 हजार 400 के करीब पारा मेडिकल स्टाफ हैं जो 10 साल से ज्यादा समय से अनुबंध पर सेवा दे रहे हैं, उनकी सेवा अब स्थायी की जाए.
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोपः इस ज्ञापन में अनुबंधकर्मियों ने अपनी पुरानी मांग और सरकार की वादाखिलाफी, सेवा नियमितीकरण को लेकर सरकार के उदासीन रवैये का जिक्र किया गया है. आंदोलन की घोषणा करने वाली अनुबंधित नर्सों के संगठन ने मुख्यमंत्री आवास घेराव के साथ साथ हड़ताल से संबंधित कार्यक्रम की घोषणा पहले ही कर चुकी हैं. 8 जनवरी को ही झारखंड के अन्य जिलों में भी डीसी के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुबंधित मेडिकलकर्मियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा था.