रांचीःबालू की ढुलाई केवल ट्रैक्टर से किए जाने और भूतत्व विभाग के निर्देश से बालू की कीमत में वृद्धि हो रही है, जिसकी वजह से शहर में सभी निर्माण कार्य ठप हो गए हैं. साथ ही बड़े वाहनों से बालू ढुलाई नहीं होने पर ड्राइवर और श्रमिकों के बीच बेरोजगारी भी बढ़ रही है, जिस पर चेंबर ने चिंता जाहिर की है. इसको लेकर फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, क्रेडाई, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, झारखंड सेंटर, बालू ट्रक एसोसिएशन और बालू श्रमिक संघ ने मंगलवार को बैठक की, जिसमें सभी ने अपनी समस्याओं को रखा.
बालू ढुलाई पर लगाई गई रोक
ट्रैक्टर से ग्रामीण इलाकों से रांची और उसके आस-पास बालू लाना मुश्किल काम है. वहीं कीमतों में वृद्धि के साथ ही बालू की काला बाजारी भी बढ़ गई है. अब बढ़े रेट पर भी बालू नहीं मिल रही है. साथ ही खेती का समय शुरू होने के कारण ट्रैक्टरों की भी कमी हो गई है.
वहीं बैठक में निर्माण कार्य से जुड़े व्यापारियों ने कहा कि पिछले 3 महीने से लॉकडाउन के कारण प्रदेश में सभी निर्माण कार्य बंद रहे हैं. सरकार के निर्देश से धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था को गति दी जा रही है, लेकिन एक तरफ एनजीटी द्वारा प्रदेश में 10 अक्टूबर तक बालू उत्खनन पर रोक और खनन विभाग द्वारा हाईवा, ट्रक से बालू ढुलाई पर रोक लगने के कारण निर्माण कार्य बाधित हो गया हैं. ऐसे में निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को भी जीवन यापन करने में समस्या हो रही है.
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रोजगार मुहैया कराना बड़ी चुनौती
बालू ट्रक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि गाड़ियां 3 महीने से खड़ी हैं. ऐसे में बैंक का लोन, ईएमआई और ब्याज चुकाना भी मुश्किल हो रहा है. वहीं बालू की कमी से रियल एस्टेट इंडस्ट्री प्रभावित होने पर चेंबर अध्यक्ष कुणाल आजमानी ने चिंता जताते हुए कहा कि बालू का उठाव बंद होने से निजी बिल्डरों के साथ करोड़ों के सरकारी प्रोजेक्ट भी फंस गए हैं.