रांचीःझारखंड में अब तक हुए हर विधानसभा चुनाव के बाद मंत्री बनने वाले विधायकों को आवास के लिए जद्दोजहद करना पड़ा है. पूर्व की सरकार में मंत्री रहे ज्यादातर माननीय बंगला छोड़ने में आनाकानी करते रहे हैं. लेकिन आने वाले समय में अब ऐसा कुछ नहीं होगा. सूबे के सभी मंत्री शानदार बंगले में रहेंगे. रांची स्थित स्मार्ट सिटी में निर्माण कार्य शुरू हो गया है.दिल्ली की माॅस एन वायड की डिजाइन पर आंध्र प्रदेश की केएमवी कंपनी निर्माण करा रही है .वास्तु और पर्यावरण का ध्यान रखते हुए 9 एकड़ में मंत्रियों के लिए 11 बंगले बनाए जा रहे हैं. राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर मंत्रियों के लिए बंगला बन रहा है.
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पीसीसी कार्य भी शुरू हो गया है. 69.90 करोड़ की लागत से रांची स्मार्ट सिटी में 9 एकड़ भूमि पर 11 मंत्री आवास बनेंगे. 24 महीने में मंत्री आवास बन जाने की पूरी संभावना है. मंत्रियों के लिए बन रहे इन बंगलों में अत्याधुनिक सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाएगा.हर बंगले के सामने का हिस्सा पूरब दिशा में होगा . स्नानागार, शौचालय ,किचन, आवासीय कार्यालय, प्रतीक्षालय और शयन कक्ष का निर्माण पूरी तरह वास्तु को ध्यान में रख कर कराया जा रहा है. बंगले डुपलेक्स आकार में दो तल के बनाए जा रहे हैं. भूतल पर दो शयन कक्ष, प्रतीक्षालय, बैठक कक्ष, दो शौचालय, पेंट्री कक्ष, डायनिंग हाॅॅल का निर्माण किया जाएगा. प्रत्येक बंगलों में बालकनी युक्त पांच शयन कक्ष बनेगा. प्रथम तल पर मास्टर बेडरूम सहित कुल तीन बेडरूम बनाए जाएंगे.
आलीशान बंगला में रहेंगे झारखंड के मंत्री यह सुविधा मिलेगीः मंत्री बंगला परिसर में क्लब हाउस, स्वीमिंग पूल, जिम, ओपेन जिम चिल्ड्रन प्ले जोन लाउंज, वॉलीबाल और बैडमिंटन कोर्ट की भी सुविधा रहेगी. मंत्री बंगलों में सुरक्षा गार्ड कि रहने की भी व्यवस्था होगी. लैंड स्केपिंग करा कर उम्दा किस्म की घास लगाई जाएगी. छायादार और फलदार वृक्ष से पूरा परिसर आच्छादित रहेगा. परिसर में फुटपाथ के साथ साइकिलिंग के लिए पाथ वे बनेगा. योगा पार्क के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है.
झारखंड के मंत्रियों के लिए यह एक सपने के पूरा होने जैसा है. हालांकि वर्तमान सरकार की इस पहल पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा सवाल खड़े करने लगी है. दरअसल, सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि पूर्ववर्ती सरकार ने खाली खजाना हैंडओवर किया है. ऐसे में उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि काम की शुरुआत कहां से करें और कैसे करें. इस बीच कोरोना की वजह से भी काम प्रभावित हुआ. लेकिन 23 महीने का कार्यकाल पूरा होने के बाद हेमंत सरकार ने न सिर्फ विधायक मद की राशि को 4 करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ करने का फैसला लिया बल्कि जोर शोर से बंगलों का भी निर्माण कार्य शुरू कराया. झारखंड में अब यह राजनीति का एक मुद्दा बन गया है.