रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी बच्ची का लगातार या बार-बार पीछा करना, घूरना या जबरन संपर्क करने की कोशिश करना भी यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आने वाला अपराध है. ऐसा मामला प्रोटेक्टशन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट 2012 की धारा 11 (4) के तहत संज्ञेय है.
स्कूल में शिक्षक छात्रा के साथ करता था छेड़खानी: झारखंड हाई कोर्ट ने चतरा जिले की एक स्कूली छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह महत्वपूर्ण आदेश दिया है. आरोपी शिक्षक राहुल यादव पर यह आरोप है कि वह स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा से छेड़खानी करता था. पीड़िता ने स्कूल के प्रिंसिपल से इसकी शिकायत की तो शिक्षक को स्कूल से हटा दिया गया.
निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती: स्कूल से हटाए जाने के बाद भी वह शिक्षक छात्रा का पीछा करता था. वह छात्रा से मिलने और जबरन बात करने का भी प्रयास करता था. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद निचली अदालत में आरोपी शिक्षक के खिलाफ चार्ज फ्रेम किए जाने को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
हाईकोर्ट ने खारिज की शिक्षक की याचिका: जस्टिस सुभाष चांद की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शिक्षक की याचिका को खारिज कर दिया और उसके कृत्य को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत यौन उत्पीड़न का मामला करार दिया.