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कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर का तंज, कहा- बाबूलाल मरांडी करें अपनी स्थिति का आकलन - प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर

रांची में शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बाबूलाल पर तंज कसा, उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी कद्दावर नेता हैं, फिर भी उनकी पार्टी के 3 विधायकों में से सिर्फ अकेले ही हैं, जिससे उन्हें बीजेपी में जाना पड़ा. उन्हें खुद अपनी स्थिति का आकलन करना चाहिए.

reaction on babulal marandi in ranchi
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर

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Published : Sep 5, 2020, 1:55 PM IST

रांची:प्रदेश बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की तरफ से झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष के लिए दिए गए आवेदन पर की गई कार्रवाई की सर्टिफाइड कॉपी मांगने पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने तंज कसा है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें पहले बीजेपी सरकार के समय रहे विधानसभा अध्यक्ष से पूछना चाहिए कि दलबदल मामले में साढे़ 4 साल बाद फैसला क्यों आया और उसके बाद ही सवाल जवाब करना चाहिए.

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नेता प्रतिपक्ष की रारबीजेपी बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिलाने के लिए लगातार दबाव बना रही है. साथ ही विधानसभा अध्यक्ष से बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष घोषित करने की मांग भी कर रही है. इसको लेकर बाबूलाल मरांडी की ओर से भी विधानसभा अध्यक्ष से इंक्वायरी की गई है. इसी मसले पर प्रदेश की कांग्रेस पार्टी के नेता ने बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधा है.

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प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बाबूलाल पर तंज कसते हुए कहा है कि विधानसभा के मामले में वह पुराने एक्सपर्ट हैं. पहले अपने विधायकों के लिए लड़ते थे. जब बीजेपी ने उनके आठ में से छह विधायकों को अपने पाले में कर लिया. तब साढ़े 4 साल में फैसला आया. उन्हें पहले बीजेपी के कार्यकाल में रहे विधानसभा अध्यक्ष से पूछना चाहिए कि फैसले में इतना समय क्यों लगा, तब वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष से कोई इंक्वायरी करनी चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी कद्दावर नेता हैं, फिर भी उनकी पार्टी के 3 विधायकों में से सिर्फ वे अकेले ही रह गए हैं, उन्हें मजबूरन बीजेपी में आना पड़ा. उन्हें खुद अपनी स्थिति का आकलन करना चाहिए था और गंभीरता से सोचना चाहिए कि कद्दावर नेता होते हुए भी उनके पार्टी के 2 विधायकों ने उनका साथ क्यों छोड़ दिया.

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