रांची: गाय, देश में राजनीतिक मुद्दा बनती रही है. ऐसे में झारखंड में गठबंधन की सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट में राज्य में पहले चरण में सभी प्रमंडलों में एक-एक गौ मुक्ति धाम बनाने का प्रावधान रखा था. तब हेमंत सरकार के कई मंत्रियों ने इस योजना को एक महत्वकांक्षी योजना बताते हुए कहा था कि मृत्यु के बाद सम्मानजनक तरीके से गाय और गोवंशीय पशु का अंतिम संस्कार हो, यह प्राथमिकता सरकार की है.
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एक साल में एक कदम भी नहीं बढ़ पायी सरकार: बजट में झारखंड में गौ मुक्ति धाम बनाने का प्रावधान किए जाने के बाद सरकार ने इसके प्रशासनिक भवन के लिए प्रारंभ में 40 लाख रुपये का प्रावधान किया था. लेकिन एक साल में सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई. गौशाला संघ के उपमंत्री प्रमोद सास्वत कहते हैं कि गौ मुक्ति धाम के लिए सरकार और विभाग गौशाला से ही जमीन मांग रही है.