रांचीःखट्टी-मिठ्ठी यादों के साथ साल 2022 की विदाई हो रही है. इन बीते समय में झारखंड सरकार ने कई फैसले लिए सुर्खियों में रही. बात यदि शिक्षा विभाग की करें तो सरकारी स्तर पर कई ऐसे फैसले लिए गए. कुछ जमीन पर उतरा भी और कुछ सरकारी फाइलों में उलझ कर रह गए. हालांकि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग वर्ष 2022 को उपलब्धि भरा साल मान(Look Back 2022 Education Department) रहा है.
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पारा शिक्षकों के लिए बनी नियमावलीः विभाग सबसे ज्यादा उपलब्धि के रूप में पारा शिक्षकों के लिए नियमावली (Manual For Para Teachers) का बनना मान रहा है. इसको लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा था. सरकार अंततः पारा शिक्षकों की मांगों से संबंधित नियमावली बना कर उनकी समस्या का समाधान करने में सफल रही. इस फैसले के बाद राज्य में पारा शिक्षक सहायक अध्यापक के रूप में 60 वर्ष तक कार्य करेंगे. इसके अलावे उन्हें ईपीएफ और मानदेय वृद्धि का भी लाभ देने का निर्णय लिया गया. सहायक अध्यापक बने पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई.वहीं स्कूलों और बच्चों का पोशाक का रंग सरकार ने बदल दिया.
शिक्षकों की नियुक्ति का मामला लटकाः शिक्षकों की नियुक्ति का मामला लटका है. झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा नियुक्ति नियमावली रद्द करने की वजह से प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी. वहीं 25996 सहायक आचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए विज्ञापन विभाग के द्वारा जारी नहीं हो सका. विभाग द्वारा 50 हजार शिक्षकों के पद को सृजित करने में सफल रही, लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होने से झारखंड के छात्रों को निराशा हाथ लगी.
न सहायक अध्यापकों की सर्टिफिकेट जांच पूरी हुई और न ही आकलन परीक्षाः इसके अलावा पहली बार पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच की प्रक्रिया शुरू की गई. जिसमें विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. हालांकि अभी भी सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन का काम जारी है. जिस वजह से पारा शिक्षकों के मानदेय में 10 फीसदी बढ़ोतरी के लिए आकलन परीक्षा नहीं हो सकी. शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने को लेकर विभाग ने तैयारी तो शुरू की, लेकिन उसमें बार-बार संशोधन होने के वजह से इस वर्ष भी जैक द्वारा राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं हो पाई.
नए साल में शिक्षा विभाग से ये हैं उम्मीदेंः शिक्षा विभाग से नए साल में यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में नए साल 2023 में स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति (Appointment Of Permanent Teachers In Jharkhand) हो पाएगी. जिससे स्कूलों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जा सकेगा. इसके अलावा नए वर्ष में 26 हजार पारा शिक्षकों की बहाली के अलावे आकलन परीक्षा आयोजित की जा सकेगी. वर्ष 2016 के बाद 2023 में राज्य सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा को आयोजित करने में सफल होगी. पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन कर ईपीएफ से जोड़ने की पहल की जाएगी और शिक्षकों की लंबे समय से चली आ रही मांग जिसमें अंतर जिला, गृह जिला और जिले के अंदर स्थानांतरण की मांग शामिल हैं, उसे पूरा करने में विभाग सफल होगा. बहरहाल, आने वाला साल शिक्षा विभाग के लिए चुनौतियों से भरा होगा. जिसमें नियमावली हाईकोर्ट से रद्द होने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति सबसे बड़ी चुनौती होगी.