रांची/सरायकेला:आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरायकेला के गोंडपुर मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सरकार की योजनाएं गिनाई. प्राथमिकताएं बतायी. सामाजिक सुरक्षा की बात की. साथ ही पूर्व की सरकारों खासकर भाजपा पर जमकर हमला बोला. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गरीबों को नहीं मिलेगा पीएम आवास. हमारे आंकड़े में 8 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें आवास देना है. लेकिन अबुआ आवास के लिए जिस तरह से काउंटर पर भीड़ उमड़ रही है, उससे पता चल रहा है कि यहां कि स्थिति कैसी है. पहले चरण के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की है. लेकिन जिस तरह से आवेदन आ रहे हैं, उसके लिए और पैसों की व्यवस्था करनी होगी. सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बहुत जल्द एक किलो दाल देने की भी तैयारी कर रही है.
बकाया मांगा तो ईडी, सीबीआई लगा दिया:मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने लोगों से पूछा कि जब आप मजदूरी करेंगे और वो पैसा नहीं देगा तो आपको तकलीफ होगी कि नहीं होगी. आप झगड़ा कीजिएगा कि नहीं. उन्होंने कहा कि कोयला कंपनियों पर 1.36 लाख करोड़ रुपया बकाया है. हमने भारत सरकार से चिट्ठी पत्री शुरु किया. मैं खुद दिल्ली गया. जब प्रुफ दिखाया तो कहा कि देना तो पड़ेगा. लेकिन देने के बजाए झुनझुना दिखा दिया. बदले में ईडी, सीबीआई भेज दिया ताकि मुंह बंद हो जाए. भागते फिरो. लेकिन हम उनमें से नहीं जो भागते फिरेंगे. हम भगाने वाले लोगों में से हैं.
वनोत्पाद के लिए एमएसपी देगी सरकार:मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सिदो-कान्हू कृषि और वन उपज फेडरेशन लाने जा रहे हैं. जिस तरह धान खरीद के लिए एमएसपी मिलती है. उसी तरह इमली, चिरौंदी, रूगड़ा, चिरौंजी जैसे उत्पाद के लिए एमएसपी दिया जाएगा. अब बाजार में ठगे जाने की जरुरत नहीं होगी. बाजार में सामान नहीं बिकने पर दलाल लोग शाम ढलने ही मोल मोलाई करने लगते हैं. अब वो दिन नहीं देखने होंगे. अब आपकी साग सब्जी भी सरकार खरीदेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को केला, अमरुद, लिची, आम की बागवानी पर फोकस करना चाहिए.
चुनाव आने वाला है, रहें होशियार:मुख्यमंत्री ने लोगों को आगाह किया कि चुनाव आने वाला है. हमारे गोतिया भाई लोग भी आएंगे आपको बेवकूफ बनाने. इसबार होशियार रहना है. राज्य लेने में चालीस साल लग गया. सत्ता लेने में बीस साल लग गया. पहले कहते थे कि यहां का आदिवासी हड़िया पीकर पड़ा रहेगा. जब से सरकार बनी, तब से उसे गिराने की कोशिश होती रही. लेकिन वे कामयाब नहीं हुए. आगे भी इस राज्य में आदिवासी-मूलवासी की सरकार बनेगी.
दिल्ली जाते हैं तो दिन भर रोते हैं:शहर बहुत अच्छा नहीं है. दिल्ली जाकर देखिए. आज दिल्ली दुनिया का सबसे गंदा शहर हो गया है. वहां के लोग कई बीमारियों से ग्रसित हैं. वहां गलती से कभी कभार जाते हैं तो दिन भर रोते रहते हैं, आंख जलने लगता है, छाती फूलने लगता है. आज यहां के शहरों की स्थिति ठीक नहीं है. यहां हर दिन रांची शहर में कितना कचरा इकट्टा हो रहा है. अब उस कचरा को फेंकने के लिए गांव में जमीन देखा जाता है. कोई जमीन देने को तैयार नहीं. उसे जलाना भी संभव नहीं. जलाने पर पूरा शहर काले बादल से ढंक जाएगा. शहरीकरण एक नई समस्या खड़ा करने जा रहा है. इसलिए गांव को शहर से जोड़ रहे हैं.
दूर से पत्थर फेंकते हैं विपक्ष के लोग:मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दौर था जब राशन कार्ड लेकर दर्जनों लोग भूख से मर गये. पूर्व की सरकार ने 11 लाख राशन कार्ड डिलीट कर दिया. हमने 20 लाख हरा राशन कार्ड बांटा. मुख्यमंत्री ने कहा कि होर्डिंग में विपक्षी नेताओं का भी नाम है लेकिन सरकारी कार्यक्रम में नहीं आते. ये लोग दूर से पत्थर फेंकते हैं,. आपके भोजन में किरासन तेल छिड़कने का काम करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाज वितरण में भी सौतेलापन हो रहा है. एफसीआई से राशन खरीदने की अनुमति नहीं है. खुले बाजार से चावल खरीदकर हमें बांटना पड़ता है. मकान और रोटी की बात हो गई. धोती-साड़ी तो दे ही रहे हैं. हमने चुनाव के पहले कहा था कि हमारी सरकार हेडक्वार्टर से विकास का पैमाना नहीं खिचेंगी बल्कि गांवों में जाकर आपसे पूछकर योजना बनाएगी. पूर्व की सरकारों ने इस राज्य को बीमारु राज्य बना दिया.
घाटा वाले बजट के लिए जिम्मेवार कौन:इतने आवेदन आ रहे हैं कि मैंने माथा पकड़ लिया. आखिर बीस साल तक सत्ता चलाने वालों ने क्या किया. आवेदन देखकर लगा कि ब्लॉक और जिला कार्यालयों में काम नहीं हो रहा है. वहां दलालों ने कब्जा जमा लिया है. हमने सभी आवेदनों की सूची बनाई. संसाधन के आधार पर कार्ययोजना शुरु की. एक योजना के तहत राज्य को पिछड़ा बनाया गया. जब राज्य बना था तब सरप्लस बजट था. अब घाटे का बजट बन रहा है. कभी हम अमीर थे और अब गरीब कैसे हो गये. यह समझ से परे है.