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PM आवास का बदलेगा मॉडल, अब खपड़े की होगी छत

रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने PMAY के तहत बनने वाले PM आवासों का मॉडल बदलने के निर्देश दिए. उन्होंने अफसरों से कहा कि प्रधानमंत्री आवास के घरों की छत खपड़े से बनाने की योजना बनाने के निर्देश दिए.

cm hemant Soren reviews the schemes of Rural Development Department in Ranchi
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा की

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Published : Dec 9, 2020, 9:35 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 7:24 AM IST

रांचीः झारखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बनने वाले घरों का मॉडल अब बदलेगा. अब यहां बनने वाले घरों की छत खपड़े से बनेगी. ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि गांवों में बनने वाले आवासों में एकरूपता लाने के लिए इन मकानों में खपड़े का इस्तेमाल किया जाए. इससे आवास निर्माण की लागत में भी कमी आएगी. इससे कुम्हारों को रोजगार मिलने के साथ राज्य में बांस की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्मित घरों में बिजली कनेक्शन देने के लिए ऊर्जा विभाग और पेयजल के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से समन्वय बनाया जाए.

मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने की पहल करें

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरी दर यहां अभी भी न्यूनतम मजदूरी दर से कम है. मनरेगा श्रमिकों को प्रति दिन 194 रुपये मजदूरी मिलती है, जबकि राज्य में न्यूनतम मजदूरी दर 283 रुपये है. ऐसे में इस अंतर को कम करने के लिए मनरेगा मजदूरी दर मे बढ़ोतरी जरूरी है. इस बाबत केंद्र सरकार से सहमति लेने की दिशा में विभाग कदम उठाए.

अफसरों ने योजनाओं के स्टेटस की जानकारी दी

कोरोना संक्रमण के दौर में मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने के लिए झारखंड में तीन विशेष योजनाएं शुरू की गईं थीं. विभाग के अफसरों ने सीएम को बताया कि नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के तहत एक लाख हेक्टेयर योजना में काम का लक्ष्य रखा गया था, जबकि 1.94 लाख हेक्टेयर में योजना का क्रियान्वयन हुआ.बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 20 हजार एकड़ की तुलना में 26 हजार एकड़, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत एक हजार मैदान विकसित करने के लक्ष्य की तुलना में 1881 खेल मैदान बनाए जा चुके हैं. वहीं दीदी बाड़ी योजना के तहत पांच लाख पोषण वाटिका बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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जिला स्तर पर बनेगी नर्सरी

मुख्यमंत्री ने बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत एक लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा है. इसके लिए गैर मजरुआ जमीन का भी इस्तेमाल करने की बात कही. उन्होंने कहा कि पहले चरण में जिलास्तर पर नर्सरी बनाने की दिशा में भी विभाग पहल शुरू करे. इसके साथ हर गांव में कटहल के कम से कम दस पेड़ लगाए जाएं. दीदीबाड़ी योजना के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका लगाने का काम सुनिश्चित करें.

पत्तल उद्योग को बढ़ावा देने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इन सभी योजनाओं का अलग-अलग डैश बोर्ड बनाया जाए. डैशबोर्ड पर योजनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं की एक बुकलेट भी बनाई जाए. इस बुकलेट को वार्ड सदस्य, पार्षद, मुखिया, प्रमुख, विधायक, सांसद समेत तमाम जन प्रतिनिधियों और आम लोगों को भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे जान सकें कि कौन योजना किसके लिए है और वे इसका कैसे फायदा लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में पत्तल उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में विभाग कदम उठाए.

फूलो-झानो आशीर्वाद योजना में ऋण की राशि बढ़ाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को हड़िया बेचने से रोकने और सम्मानित कार्य से जोड़ने के लिए फूलो-झानो आशीर्वाद योजना शुरू की गई है. सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजना के तहत आजीविका गतिविधियों से महिलाओं को जोड़ने के लिए ब्याज मुक्त ऋण की राशि में बढ़ोतरी की जानी चाहिए. मिशन नवजीवन सर्वे द्वारा 16549 महिलाओं को चिन्हित किया गया है. इनमें से 7175 महिलाओं को इस अभियान से जोड़ा जा चुका है.

गरिमा योजना पर दिया जोर

झारखंड को डायन कुप्रथा से मुक्त घोषित करने के लिए गरिमा परियोजना संचालित की जा रही है. पहले चरण में सात जिलों के 25 प्रखंडों के 342 ग्राम पंचायतों में यह योजना चल रही है. इसके तहत डायन कुप्रथा के उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान चलाने और पीड़िता अथवा उसके परिवार को पहचान कर लाभ पहुंचाने के भी निर्देश दिए.

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लक्ष्य और उपलब्धि का लेखा जोखा

बैठक में सीएम हेमंत सोरेन को अफसरों ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग ने 900 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. अबतक 768 मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. मनरेगा के तहत सृजित किए गए मानव दिवस में 41.5 प्रतिश महिलाओं की भागीदारी रही है. इसमें सबसे ज्यादा कोडरमा में 47.8 प्रतिशत और सबसे कम देवघर में 34.7 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रही है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1272916 आवास निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 1180102 आवास का निबंधन किया गया. इसमें 1159559 आवास को स्वीकृति दी गई. इसमें से 58 प्रतिशत आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

अंबेडकर आवास योजना से 32 हजार मकान बनाने का लक्ष्य

अफसरों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत 32700 आवास निर्माण का लक्ष्य है. इनमें से 31920 आवास निर्माण को स्वीकृति दी गई. इनमें से 21945 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है जो कि लक्ष्य का 67 प्रतिशत है. विभागीय अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्रामीण गरीब महिलाओं को संगठित एवं क्षमता निर्माण कर उनको आजीविका से जोड़ने के लिए चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 27169 गांवों, 254327 सखी मंडलों और 3189255 परिवारों को आच्छादित किया जा चुका है. अफसरों ने बताया कि चक्रीय निधि के तलत 222714 महिला समूहों के बीच 334 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है.

आजीविका संवर्धन योजना से तीन लाख परिवार जुड़े

आजीविका संवर्धन के तहत पशुधन से 393189 परिवारों को जोड़ा गया है. इन्हें बकरी पालन, मुर्गी पालन,बत्तख सुकर, मछली पालन के लिए सुविधाएं दी जा रही है. इस क्रम में विभाग ने महिला समूहों के जरिये प्रतिदिन 10 लाख अंडा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. वर्तमान में महिला समूहों द्वारा एक लाख अंडा उत्पादन किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य में 20 हजार किलोमीटर सड़कें बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है. इनमें नई सड़कों के साथ वैसी भी सड़कें शामिल हैं जो जर्जर हो चुकी हैं.

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लाह उत्पादन फार्म की जिम्मेदारी सखी मंडलों को

अफसरों ने सीएम को बताया कि महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना के तहत वनोपज से 27500 परिवारों को जोड़ा गया है. इन्हें लाह उत्पादन, इमली प्रसंस्करण, रेशम उत्पादन औऱ औषधीय पौधे लगवाया जा रहा है. राज्य में वन विभाग द्वारा आठ ब्रूड लाह उत्पादन फार्म की जिम्मेदारी पहली बार सखी मंडलों को दी गई है. उड़ान परियोजना के तहत 11 जिलों के 24 प्रखंडों के 23779 पीवीटीजी परिवारों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. इसमें डाकिया योजना के तहत 68370 परिवारों को घर पर राशन पहुंचाया जाता है. इसके अलावा सूक्ष्म टपक सिंचाई परियोजना, लिफ्ट सिंचाई परियोजना, आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (आशा) समेत अन्य योजनाओं के संचालन और उपलब्धियों की जानकारी भी मुख्यमंत्री को विभाग द्वारा दी गई.

मुख्यमंत्री संग इन्होंने किया मंथन

समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक, मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी, पंचायती राज के निदेशक आदित्य रंजन, जेएसडब्ल्यूएम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी विनय कांत मिश्रा समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

Last Updated : Dec 10, 2020, 7:24 AM IST

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