रांची:राज्य के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. झारखंड मंत्रालय में करीब 3 घंटे तक चली समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्राथमिक माध्यमिक और प्लस 2 विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जहां तेज करने का निर्देश दिया. वहीं अधिकारियों से बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, यूनिफॉर्म और छात्रवृत्ति आदि वितरित करने का भी कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया.
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बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों से शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने बैठक में जानकारी दी. प्रजेंटेशन के माध्यम से शिक्षा सचिव ने विद्यालयों में आधारभूत संरचना को मजबूत करने के साथ-साथ पठन-पाठन के लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधा से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ मिले नैतिक शिक्षा: शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए पठन-पाठन के अलावा खेल, संगीत जैसी एक्टिविटीज भी निरंतर चलनी चाहिए. विद्यार्थियों के बीच तरह-तरह की प्रतियोगिता समय-समय पर आयोजित किए जाएं, जिससे इनका विकास हो और उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी मिले.
अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पढ़ाई का बेहतर माहौल हो इसके लिए जिला स्तर पर रीडिंग रूम की व्यवस्था होनी चाहिए. जहां सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ वाईफाई की व्यवस्था हो . इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाए. बच्चों को समय पर किताब और यूनिफार्म मिले, इस दिशा में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाता है, उसी तरह से इसका भी कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए. इसमें बच्चों के बीच पठन-पाठन सामग्री, यूनिफार्म, छात्रवृत्ति राशि और अन्य योजनाओं का लाभ देने की समय सीमा तय होनी चाहिए.
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल विद्यालयों में ना हो कोई कमी:मुख्यमंत्री ने स्कूलों के जर्जर भवन को मरम्मत कराने का निर्देश देते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों का फिजिकल मैपिंग कराकर जर्जर हो चुके विद्यालय भवन की मरम्मत कराया जाए. इसके लिए हर 3 वर्ष पर विद्यालय भवन का मेंटेनेंस की कार्ययोजना बनानी होगी.
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल विद्यालयों का समय-समय पर मॉनिटरिंग करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से संवाद करके यहां के पठन-पाठन रखरखाव और मिल रही सुविधाओं की जानकारी अधिकारी समय-समय पर लेते रहें. इसमें किसी तरह की खामी मिलती है तो इसके समाधान के लिए त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण पर जोर देते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों के परिसर में पेड़ लगाने का भी काम किया जाए. इसके लिए वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर विभाग को सरकारी विद्यालयों को हरा-भरा करने की कोशिश करनी चाहिए.