रांचीः व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम देने के उद्देश्य से राजधानी रांची में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण का शुभारंभ हो गया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का शिलान्यास किया है. धुर्वा के एचईसी स्थित कोर कैपिटल एरिया में बन रहे इस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के शिलान्यास कार्यक्रम में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के अलावा हटिया विधायक नवीन जायसवाल भी मौजूद रहे.
ये भी पढ़ें:73वां वन महोत्सवः झारखंड विधानसभा परिसर में स्पीकर और सीएम ने किया पौधारोपण
केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से बनने वाले इस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं एक ही परिसर में मिलेंंगी. यहां विदेश व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिसंघ से जुड़े कार्यालय भी होंगे. इस बिल्डिंग में विदेश व्यापार महानिदेशालय का क्षेत्रीय कार्यालय और भारतीय निर्यात परिसंघ से जुड़े कार्यालय भी होंगे. शिलान्यास कार्यक्रम में सिडबी और उद्योग विभाग के बीच क्रेडिट गारंटी योजना के तहत राज्य के एमएसएमई को ऋण उपलब्ध कराने हेतू एमओयू किया गया.
3.45 एकड़ में बनने वाले यह वर्ल्ड ट्रेड सेंटर 27 मीटर ऊंचा होगा जिसपर निर्माण लागत 44.59 करोड़ होगा. जिडको द्वारा बनाये जाने वाले इस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बिल्डिंग का कुल ग्राउंड कवरेज 2170.48 वर्ग मीटर है और भवन की उंचाई बी +जी+4 के साथ 27 मीटर होगी. इस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का निर्माण कार्य 24 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जानकारी देते हुए उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इसके बेसमेंट एरिया 2451 वर्ग मीटर, पहला तल्ला 2002.23 वर्ग मीटर, दूसरा तल्ला 1995.65 वर्गमीटर, तीसरा तल्ला 1995.65 वर्ग मीटर, चौथा तल्ला 1995.65 वर्ग मीटर और टेरेस फ्लोर एरिया 88.81 वर्ग मीटर है. उन्होंने कहा कि यहां अंतरराष्ट्रीय कारोबार से संबंधित सारी सुविधाएं मिलेंंगी. आयात निर्यात से जुड़ी कंपनियों के लिए स्थान मुहैया कराए जायेंगे. यहां करेंसी एक्सचेंज से लेकर मनी ट्रांसफर तक की सुविधाएं भी प्राप्त होगी.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह संस्था देश और दुनियां से झारखंड के छोटे बड़े औद्योगिक गतिविधियों को जोड़ेगा. जिस स्थान पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर खड़ा हो रहा है उसी स्थल के बगल में एचईसी है जो मदर फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है. सीएम ने कहा कि देर से ही सही वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को बनाने की शुरुआत हुई है, निश्चित रूप से इसका लाभ यहां के उद्योग जगत को मिलेगा. झारखंड ना केवल खनिज संपदा के लिए मशहूर है बल्कि बीआईटी जैसी शिक्षा संस्थान भी हैं जो देश दुनियां में नाम रोशन कर रहे हैं. ये वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा. पलाश ब्रांड के जरिए महिलाएं सशक्त हो रही हैं सरकार का लक्ष्य है कि एक हजार करोड़ तक का टर्नओवर तक पलाश ब्रांड को पहुंचाया जाए.
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर,कृषि और खाद्य उत्पाद, वस्त्र और तसर उत्पाद और इंजीनियरिंग सामान के निर्यात को प्रेरित करेगा. 2020-21 में राज्य से कुल निर्यात 1,622.31 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. 2021-22 में यह बढ़कर 2,201.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. झारखंड से निर्यात होनेवाली वस्तुओं में लोहा और इस्पात, ऑटो और पुर्जे शामिल हैं. झारखंड में रेशम उत्पादन का बड़ा आधार है. देश में तसर रेशम का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसका कुल उत्पादन में 76.4% है.