रांची:झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन की पहली पाली की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने भाषण के दौरान नौकरशाहों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नौकरशाही के राजनीतिकरण के खिलाफ हमारी सरकार कठोर कदम उठाएगी.
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नौकरशाही पर तीखा प्रहार करते हुए अधिकारियों-पदाधिकारियों के राजनीतिकरण में संलिप्ता पर कठोर कार्रवाई करने की बात कहा है. उन्होंने कहा कि अब अधिकारियों के कामों को पांच प्रकार से मापा जाएगा. साथ ही काम कर रहे कर्मियों के भयादोहन की इजाजत भी किसी को नहीं दी जाएगी. सीएम ने साफ तौर पर कहा कि हाल के वर्षों में नौकरशाही का राजनीतिकरण हुआ है. सरकारी अफसरों को सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के कार्यकर्ता की तरह कार्य करना एक खतरनाक प्रवृत्ति है. उनकी सरकार इस चुनौती से पूरी तरह से अवगत है. उन्होंने कहा कि नौकरशाही को जनता के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए उनकी सरकार कृत संकल्पित है. सरकार कठोरता से इस पर आगे बढ़ेगी.
नौकरशाही को उतरना होगा इन मानक पर खरा
सीएम ने कहा कि नौकरशाही को 5 मानकों में खरा उतरना होगा. पहला नौकरशाही के जनता के प्रति जिम्मेदार को समझना होगा, दूसरा जनप्रतिनिधि के साथ समन्वय बनाएं रखना, तीसरा नियम कानून के दायरे में काम करना, चौथा समय की पाबंदी का ख्याल रखना और पांचवां वंचितों-सोशितों के प्रति संवेदनशील बरतना उनका कर्तव्य होगा.