रांची: शहर के बिहार क्लब में चित्रगुप्त भगवान की पूजा की गई. इस अवसर पर कायस्थ समाज के लोगों ने जन्म समृद्धि की कामना की. मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त यमराज का लेखा-जोखा रखा करते थे. जिस तरह से ब्रह्मा का पुत्र चित्रगुप्त थे. ठीक उसी तरह कायस्थ समाज के लोग अपने आपको भगवान चित्रगुप्त का संतान मानते हैं. यही वजह है कि चित्रगुप्त पूजा के दिन कायस्थ समाज के लोग कलम कॉपी का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
कोविड-19 के मद्देनजर इस साल चित्रगुप्त पूजा शहर में भीड़भाड़ से बचते हुए शांति और सादगी पूर्ण मनाया गया. इस दिन चित्रांश परिवार के लोग अपने-अपने घरों में भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं. कलम देवता का पूजा के साथ अपने आय व्यय का लेखा जोखा भगवान चित्रगुप्त को देते हैं.
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रांची के बिहार क्लब में संपन्न हुआ चित्रगुप्त पूजा, कोविड-19 के गाइडलाइन का रखा गया ख्याल - जन्म समृद्धि की कामना
रांची में बिहार क्लब में चित्रगुप्त भगवान की पूजा की गई. कायस्थ समाज के लोगों ने जन्म समृद्धि की कामना की. कायस्थ समाज के लोग अपने आपको भगवान चित्रगुप्त का संतान मानते हैं. यही वजह है कि चित्रगुप्त पूजा के दिन कायस्थ समाज के लोग कलम कॉपी का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
चित्रगुप्त पूजा
पुराणों के मुताबिक चित्रगुप्त अपने दरबार में मनुष्यों के पाप पुण्य का लेखा जोखा कर न्याय करते थे. इस दिन नया बही खाता पर श्री लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है.