रांचीः ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के ठिकानों पर ईडी की टीम ने 21 फरवरी को छापेमारी की. दो दिनों चक चली छापेमारी के बाद गुरुवार को ईडी ने चीफ इंजीनियर को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया. इसके बाद ईडी को चीफ इंजीनियर की पांच दिनों की रिमांड मिली है. इस दौरान ईडी गहन पूछताछ करेगी.
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मिली जानकारी के अनुसार बीरेंद्र राम के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें करोड़ों रुपये के ज्वेलरी और 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति से संबंधित कागजात मिले हैं. 21 फरवरी को छापेमारी के बाद 22 फरवरी को दिन भर बीरेंद्र राम से पूछताछ की गई और फिर 23 फरवरी को गिरफ्तार करने के बाद ईडी कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने चीफ इंजीनियर को पांच दिनों की रिमांड पर भेज दिया है.
ईडी अब पांच दिनों तक चीफ इंजीनियर से पूछताछ करेगी. इसके बाद साक्ष्य के आधार पर संलिप्त अन्य लोगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बता दें कि कोर्ट में पेश करने से पहले चीफ इंजीनियर को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां कोरोना जांच और मेडिकल जांच की गई. बताया जा रहा है कि आय से अधिक संपत्ति और मनरेगा घोटाले से जुड़े मामले में कार्रवाई की गई है. इसमें कई लोगों के शामिल होने की संभावना है.
जानकारी के अनुसार चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के रांची सहित पटना और देश के कई जिलों में अवैध संपत्ति है, जो कई सवाल खड़े कर रहा है. मंगलवार को जांच के बाद बुधवार को बीरेंद्र राम को अशोक नगर स्थित घर से ईडी के जोनल कार्यालय लाया गया, जहां ईडी के ज्वॉइंट डायरेक्टर सहित कई अधिकारियों ने बीरेंद्र राम से पूछताछ की. पूछताछ के बाद देर रात चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम को गिरफ्तार कर लिया गया.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से 10 दिनों की रिमांड की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने 5 दिनों की रिमांड दी है. फिलहाल प्रभात कुमार के ईडी कोर्ट में चीफ इंजीनियर को पेश किया गया, जहां उन्हें 5 दिनों की रिमांड पर भेज दिया. अब उनसे पूछताछ कर पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी.