रांची: रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के पहले ही बैच के एसटी-एससी विद्यार्थियों को थाने की शरण लेनी पड़ी. विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के वीसी समेत कुलसचिव के खिलाफ भी फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज करा कराया है. 2016 -17 के बैच के ये वो विद्यार्थी हैं, जिन्हें प्लेसमेंट के नाम पर चेन्नई में गार्ड की नौकरी दी गई थी.
आरएसयू के कुलसचिव के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज प्लेसमेंट के नाम पर दी जाती है गार्ड की नौकरी
विद्यार्थियों ने रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में नामांकन लेने से पहले कई सुनहरे सपने देखे थे, लेकिन विद्यार्थियों का सपना चकनाचूर हो गया. सत्र 2016 -17 पहले बैच के विद्यार्थी रोजगार के लिए अब तक दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. प्लेसमेंट के नाम पर इन्हें गार्ड की नौकरी दे दी गई थी. इस मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने भी संज्ञान लिया था, लेकिन नतीजा सामने नहीं आया.
ये भी पढ़े: रांचीः स्कूल प्रबंधक की बड़ी लापरवाही, 18 विद्यार्थियों का भविष्य बर्बादी की कगार पर
कुलसचिव और वीसी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज
विद्यार्थियों ने कुलसचिव के खिलाफ एसटी-एससी थाना में फर्जीवाड़े का मामला दर्ज कराया है. विद्यार्थियों ने बताया कि वह काफी दिनों से परेशान थे. पहले इन्हें राज्यपाल के हाथों नियुक्ति पत्र दिया गया था. उस नियुक्ति पत्र में लिखा गया कि सुरक्षाकर्मियों के सुपरवाइजर की नौकरी दी गई है. चेन्नई पहुंचकर उन्हें एटीएम और विभिन्न कंपनियों में गार्ड की नौकरी थमा दी गई. वहां से विद्यार्थी रांची लौटे और इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत भी की, लेकिन शिकायत मिलने के बावजूद विद्यार्थियों की समस्याओं को किसी ने नहीं सुना.
शिक्षा विभाग ने साधी चुप्पी
जानकारी के मुताबिक इस बैच में 30 विद्यार्थी थे और ये तमाम विद्यार्थी एसटी-एससी वर्ग से ही आते हैं. उन्होंने इस थाना में वीसी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का भी पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. वहीं जब इस संबंध में शिक्षा विभाग से संपर्क साधा गया तो विभाग ने भी अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया.
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
विद्यार्थियों ने कहा कि मामले को लेकर अगर समय रहते शिक्षा विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. ऐसे में सरकार का यह कहना कि विद्यार्थियों के रोजगार के लिए सरकार प्रयासरत है. इस क्रम में जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देने की जरूरत है.