रांची: झारखंड में इंडी अलायंस के बीच गठबंधन का स्वरूप क्या हो, कांग्रेस पार्टी की उसमें क्या भूमिका हो और पार्टी की लोकसभा वार क्या तैयारी है, इसकी पूरी जानकारी आलाकमान को देकर झारखंड कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली से रांची लौट आये हैं. वहीं, झामुमो प्रवक्ता ने फिर एक बार दोहराया है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं की इच्छा लोकसभा चुनाव में भी बड़े भाई की भूमिका निभाने की है, लेकिन अंतिम फैसला तो सभी दलों के शीर्षस्थ नेताओं को करना है.
14 लोकसभा सीट की फीडबैक आलाकमान को दी: दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद सेवा विमान से रांची लौटे झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आलाकमान को राज्य की पूरी राजनीतिक परिस्थिति से अवगत कराया गया है. लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन कितना तैयार है, सभी 14 लोकसभा सीट पर गठबंधन की जीत कैसे संभव हो, हम कहां-कहां अपने सहयोगी दलों की मदद कर सकते हैं, इसको लेकर पूरी जानकारी प्रदेश की ओर से केंद्रीय नेताओं को दे दी गयी है. जब सीट शेयरिंग के मुद्दे पर सभी दलों की बैठक होगी तब उसमें हमारे नेता अन्य दलों के नेताओं से बात करेंगे.
वहीं, दिल्ली से लौटने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि दो तीन स्टेज में बात हो रही है. राज्य में हम कितने सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, राज्य में अन्य सहयोगी दलों की क्या स्थिति है. इसके साथ-साथ कौन-कौन सीट पर किसकी क्या ताकत और कमजोरी है. इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश की ओर से कांग्रेस आलाकमान को दे दी गई है.
सीट शेयरिंग पर शिबू-हेमन्त सोरेन लेंगे अंतिम फैसला: 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में रहकर 04 सीट पर चुनाव लड़ने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा की इच्छा है कि वह इस बार बड़े भाई की भूमिका निभाए. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार पांडेय कहते हैं कि जिस तरह से हमारा जनाधार मजबूत है, संगठन मजबूत है, हमारे विधायकों की संख्या अधिक है, हमें ही बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.
2019 लोकसभा सीटों का बंटवारा: वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय कुल 14 लोकसभा सीट में से कांग्रेस को 07, झामुमो 04, झाविमो 02 और राजद ने 01 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था. तब राजद ने चतरा लोकसभा सीट पर गठबंधन धर्म तोड़ कर कांग्रेस उम्मीदवार मनोज यादव के खिलाफ सुभाष यादव को मैदान में उतार दिया था. चतरा से कांग्रेस और राजद दोनों की हार हुई थी. भाजपा के सुनील सिंह चतरा से जीत गए थे.
कांग्रेस उस समय बाबूलाल मरांडी के जेवीएम प्रजातांत्रिक को दिए गए कोडरमा और गोड्डा को अपने कोटे का सीट बता 09 लोकसभा सीट पर दावेदारी करती रही है. राजद शुरू से ही पलामू, चतरा के साथ-साथ कोडरमा और गोड्डा लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी करता रहा है. अब झामुमो के प्रवक्ता ने भी बड़े भाई की भूमिका निभाने की इच्छा जताकर साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड की 14 सीट पर सभी को एकमत करना आसान नहीं है. क्योंकि इन तीन दलों के अलावा लेफ्ट, जदयू, आप जैसी पार्टियों की भी अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं.