रांची: बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल पूरे सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे. उन्हें स्पीकर ने निलंबित कर दिया है. Jharkhand Assembly Winter Session की कार्यवाही के चौथे दिन मनीष जायसवाल ने जेपीएसएसी और हजारीबाग में पीएचईडी टेंडर घोटाले का मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि जेपीएससी से जैसे गंभीर विषय पर सरकार चुप बैठी हुई है जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी के विधायक हर दिन विरोध करते आ रहे हैं. इससे साफ है कि इस सरकार को सदन से कोई लेना देना नहीं है. यह कहते हुए मनीष जायसवाल ने ध्यानाकर्षण की कॉपी फाड़ दी और कहा कि ऐसी कार्यवाही का हिस्सा बनना बेकार है.
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ध्यानाकर्षण की कॉपी फाड़ने पर बवाल
बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल के इस कृत्य पर आपत्ति जताते हुए सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गए और कार्रवाई की मांग करने लगे. हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित कर दी. भोजनावकाश के बाद कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने मनीष जायसवाल के अमर्यादित हरकत का हवाला देते हुए आसन से संज्ञान लेने का आग्रह किया.
स्पीकर, बीजेपी और कांग्रेस विधायक का बयान बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल निष्काषित
इसके कुछ पल बाद ही स्पीकर ने बीजेपी विधायक मनीष जयवाल से पूरे सत्र से निष्काषित करने का आदेश सुना दिया. इसके विरोध में भाजपा के तमाम विधायकों ने प्रोसिडिंग की कॉपी फाड़कर सभी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. तब स्पीकर ने कहा कि उनपर कार्रवाई क्यों की गई है, यह सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि ध्यानाकर्षण के दौरान उन्होंने अपनी बात रखते हुए अमर्यादित व्यवहार किया था. हालाकि स्पीकर के आदेश के बाद भी जब मनीष जयसवाल सदन से बाहर नहीं निकले तो मार्शल आउट कराया गया.