रांचीः पलामू में महादलित परिवारों को उजाड़ने के मामले (desecration of Maha dalits house case) ने तूल पकड़ लिया है. भाजपा विधायक ने ईटीवी भारत की खबर ट्वीट कर महादलित समुदाय के इन परिवारों के पुनर्वास (rehabilitation of Mahadalits) की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि इनका पुनर्वास नहीं किया जाता तो भाजपा एससी मोर्चा आंदोलन करेगा. इधर, महादलितों को उजाड़ने के आरोपी विशेष समुदाय के लोगों ने कहा है कि किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की गई है.
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भाजपा विधायक अमर बाउरी ने डीसी पलामू और BJPSCMorcha को टैग करते हुए अपने ट्विटर हैंडल से सोमवार रात ही ट्वीट किया कि यह अस्वीकार्य है ! खबर पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश की नहीं बल्कि "पलामू,झारखंड" की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि महोदय, मामले का अविलंब संज्ञान लेते हुए परिवारों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए अन्यथा BJPSCMorcha प्रचंड आंदोलन को बाध्य होगा.
पलामू में विशेष समुदाय के लोगों ने महादलितों के 50 परिवारों के घरों झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया. इसके बाद अपना सामान ले जा रहे लोग वहीं भाजपा विधायक ने एक अन्य ट्वीट में पीएमओ, एचएमओ, झारखंड गवर्नर और सीएमओ को टैग करते हुए पलामू के पांडू थाना क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोगों की ओर से महादलित समुदाय के 50 घरों को ध्वस्त कर उन्हें उजाड़ देने की जानकारी दी है.
क्या है पूरा मामलाःसोमवार को विशेष समुदाय के लोग भीड़ की शक्ल में पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु के महादलित टोले में पहुंचे. यहां भीड़ ने महादलित समुदाय के करीब 50 घरों को ध्वस्त कर, परिवार वालों को वहां से उजाड़ दिया. उनकी झुग्गी झोपड़ियों को गिरा दिया.
बाद में लोगों ने हर परिवार के सामान को गाड़ियों में लोड कर छतरपुर के लोटो के इलाके में भेज दिया. घटना के बाद से कुछ दलित परिवार के लोग आशियाने के लिए भटक रहे हैं. ये दलित परिवार पिछले 30 वर्षों से इस इलाके में रह रहे थे और पहाड़ के नजदीक मिट्टी काटकर झुग्गी झोपड़ी बनाए थे. कुछ लोगों के कच्चे मकान थे, जबकि कई लोग पत्तों से बनी झोपड़ियों में रह रहे थे.
महादलित परिवार के लोगों से इस कागज पर साइन कराया गया
महादलित परिवार के लोगों से इस कागज पर साइन कराया गया
जबरन हस्ताक्षर करवाने का आरोपःसोमवार रात महादलित बस्ती को विशेष समुदाय के लोगों की ओर से घेरने और उससे मारपीट करने की भी बात कही जा रही है. वहीं बस्ती के लोगों का आरोप है कि उनसे जबरन समझौते के कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए गए और मारपीट कर गांव से बेदखल कर दिया गया.