रांचीः झारखंड के 10वें राज्यपाल (Jharkhand Governor) के रूप में रमेश बैस ने बुधवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह (Governor Oath Taking Ceremony) में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रवि रंजन ने नये राज्यपाल को शपथ दिलाई, लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के दो पूर्व मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए. क्योंकि उन्हें आमंत्रण नहीं दिया गया था.
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छत्तीसगढ़ के रहने वाले रमेश बैस झारखंड से पहले त्रिपुरा के राज्यपाल थे. लंबा राजनीतिक अनुभव रखने वाले रमेश बैस को झारखंड के राज्यपाल बनने पर राजभवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने बधाई दी. शपथग्रहण समारोह में झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ सभी न्यायाधीश, सभी मंत्री और प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी के कुछ ही नेता उपस्थित थे.
क्या कहते हैं कांग्रेस और बीजेपी के नेता राज्यपाल के अनुभव का झारखंड को मिलेगा लाभ शपथग्रहण समारोह में झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह, मेयर आशा लकड़ा उपस्थित थीं. वहीं, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास नहीं पहुंचे. इससे भाजपा ने एतराज जताया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने राज्यपाल रमेश बैस को बधाई देते हुए कहा कि इनके अनुभवों का लाभ झारखंड की जनता को मिलेगा.उन्होंने कहा कि महामहिम के पास एक लंबा संसदीय अनुभव है. उन्होंने कहा कि नगरपालिका के पार्षद से लेकर विधानसभा सदस्य, लोकसभा सदस्य, केंद्रीय मंत्री के रूप में जन सेवा में अपनी भागीदारी निभाई है. त्रिपुरा के बाद अब झारखंड की जनता भी राज्यपाल के अनुभवों से लाभान्वित होंगे. भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं किए जाने पर दीपक प्रकाश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह की भूल नहीं होनी चाहिए थी.
आदिवासियों का कल्याण करेंगे राज्यपाल
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल एरिया है, जहां राज्यपाल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि राज्यपाल आदिवासियों का कल्याण करेंगे.