रांची: सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों के समर्थन में भाजपा आगे आई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के नेतृत्व में आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों से मिलने पहुंचे बीजेपी के नेताओं ने इनकी मांगों को सही बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने राज्य के युवाओं को रोजगार दिया वहीं यह सरकार लोगों से रोजगार छीन रही है. इस मौके पर बीजेपी नेताओं ने मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों द्वारा लगाए गए शहीद जवानों के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
यह भी पढ़ें:मधुमक्खियों का आतंक: हमले में बुजुर्ग दंपती की गई जान, लगातार दूसरे दिन बोला हमला
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि रोजगार वर्ष में यहां के युवा परेशान हैं. सरकार एक तरफ नौकरी नहीं दे रही है वहीं दूसरी तरफ जिसे पिछली सरकार में रोजगार मिला भी उसे छीन रही है. शिष्टमंडल में दीपक प्रकाश के अलावा बीजेपी विधायक सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, समरीलाल, भानू प्रताप शाही सहित बीजेपी के प्रदेश स्तर के कई नेता शामिल थे.
मोरहाबादी में जुटे हैं पुलिसकर्मी
राज्य के 12 नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत सहायक पुलिसकर्मी लगातार आंदोलन करते रहे हैं. इस बार अपनी मांगें मनवाने के लिए सहायक पुलिसकर्मियों ने इंसाफ-ए-वर्दी के नाम से आंदोलन चला रखा है. इनके आंदोलन को देखते हुए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल का बापू बाटिका का दौरा स्थगित हो गया था. मोरहाबादी मैदान में जुटे इन पुलिसकर्मियों में कई महिला पुलिसकर्मी भी हैं जो अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पहुंची हैं. 2017 से संविदा पर काम कर रहे सहाक पुलिसकर्मियों का मानना है कि महज 10 हजार रुपए में नक्सल प्रभावित घनघोर जंगल में काम करने को विवश हैं. सरकार द्वारा कई बार मांगों को लेकर आश्वासन भी दिया गया लेकिन उसे पूरा नहीं किया.
अगस्त 2022 में खत्म होगी संविदा, सरकार ने दिया है अल्टीमेटम
संविदा पर काम कर रहे पुलिसकर्मियों का पांच वर्ष का कार्यकाल अगस्त 2022 में खत्म हो रहा है. पिछली बार मोरहाबादी मैदान में कई दिनों तक चले आंदोलन के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने हस्तक्षेप कर आंदोलन समाप्त कराया था. उस दौरान मंत्री के साथ हुई वार्ता में मानदेय बढ़ोतरी के साथ-साथ सेवा नियमितीकरण पर भी विचार करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन, समय बीतता गया और मांगें धरी की धरी रह गई. सरकार के वादों से खुद को ठगा महसूस कर रहे ये पुलिसकर्मी एक बार फिर आंदोलन कर सरकार पर दवाब बनाने में जुटे हैं. इधर, आंदोलन कर रहे पुलिस जवानों को राजभवन जाने से रोकने के लिए भारी संख्या में मोरहाबादी मैदान में पुलिस जवानों को नियुक्त किया गया है.