रांची: झारखंड में हेमन्त सोरेन सरकार का सत्ता में आए हुए तीन साल पूरे हो गए हैं (Hemant Soren Government Completed Three Years) लेकिन अभी तक राज्य की महागठबंधन सरकार बोर्ड निगमों और महत्वपूर्ण आयोगों में अध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पदों को भर नहीं पायी है. जिसका नतीजा यह हुआ कि राज्य के ज्यादातर निगम, बोर्ड और आयोग में पद खाली हो गए हैं (BJP Clamied Soren Sarkar For vacant posts). ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी के नेता महागठबंधन के नेताओं को ही आगे कर हेमन्त सरकार पर तंज कसने लगी है.
हेमंत सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी कई महत्वपूर्ण पद खाली, बीजेपी ने उठाए सवाल
राज्य में हेमन्त सोरेन सरकार के तीन साल पूरे हो गए (Hemant Soren Government Completed Three Years) लेकिन अभी भी राज्य के महत्वपूर्ण आयोगों में अध्यक्ष सहित कई महत्वपूर्ण पद खाली है. इस बात को लेकर राज्य की राजनीति गर्म है (BJP Clamied Soren Sarkar For vacant posts). पक्ष और विपक्ष में आरोप- प्रत्यारोप जारी है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सरोज सिंह ने कहा कि जल जंगल जमीन के नाम पर सत्ता में आई हेमंत सोरेन की सरकार का ध्यान जल जंगल जमीन की लूट पर लगी हुई है. ऐसे में उसे अपने कार्यकर्ताओं की ओर ध्यान ही कहां है कि वह उनको बोर्ड निगम में एडजस्ट करें. सरोज सिंह ने कहा कि अगर हेमंत सोरेन, बोर्ड निगम, आयोग के खाली पद को भर देते तो आयोग क्रियाशील हो जाता और उसका लाभ भी राज्य की जनता को मिलता. लेकिन ऐसा जब होता जब हेमंत सोरेन अपनी झोली भरने की जगह देश की जनता और अपने कार्यकर्ताओं का भला करने की सोचते.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा:कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जिसे भाजपा फ्यूज बल्ब बताती थी, उसी फ्यूज बल्ब को नेता प्रतिपक्ष बनाने की कोशिश में लगी है. भाजपा का कोई दूसरा नेता प्रतिपक्ष के लिए नहीं मिल रहा है. ऐसे में कई आयोग के अध्यक्ष पद को भरने के लिए नेता प्रतिपक्ष की जरूरत होता है. ऐसे में भाजपा के नेताओं को कुछ बोलने का हक भी नहीं है. उन्होंने जल्द खाली पड़े पदों को भरने का भरोसा जताते हुए कहा कि कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता के लिए राजनीति, जनता सेवा माध्यम है इसलिए भाजपा के नेता चिंता न करें.
ज्यादातर आयोगों मेंअध्यक्ष पद खाली:अतिमहत्वपूर्ण झारखंड राज्य सूचना आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग जैसे महत्वपूर्ण आयोग, अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष का पद भी महीनों से खाली पड़ा है, अध्यक्ष के नहीं रहने से अभी आयोगों में सुनवाई नहीं होता और लोगों को न्याय नहीं मिल रहा है.