रांचीः झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. इस सर्वदलीय बैठक से बीजेपी गायब रही. विधानसभा अध्यक्ष के चेंबर में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, निर्दलीय विधायक सरयू राय, आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो और माले विधायक विनोद सिंह उपस्थित थे.
यह भी पढ़ेंःमानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष होगा आमने-सामने, 2 सितंबर को रणनीति बनायेंगे सभी दल
बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना संकट के बीच शुक्रवार से शुरू हो रहा यह मानसून सत्र अहम है. उन्होंने सदन में अधिक से अधिक जनहित के मुद्दे उठने की उम्मीद जताते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण चलेगी. इसको लेकर सभी पार्टी के नेताओं को प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी उपलब्धि भी सदन में रखेगी और सदस्यों के सुझाव पर भी विचार करेगी.
क्या कहते हैं मुख्यमंत्री शांतिपूर्ण संचालित होगा सत्र
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि मानसून सत्र शांतिपूर्ण तरीके से संचालित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सदन में जनहित की योजनाओं पर अधिक से अधिक विचार-विमर्श किया जाए. इसको लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी पार्टी के नेताओं से विमर्श किया गया है.
क्या कहते हैं विधानसभा अध्यक्ष जातिगत जनगणना पर लाया जाएगा प्रस्ताव
आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में जातिगत जनगणना कराने से संबंधित प्रस्ताव को सदन से पास कराकर केंद्र को भेजने की सलाह दी है. इसपर विधानसभा अध्यक्ष ने सहमति जाहिर करते हुए प्रस्ताव को स्वीकार किया है, जो राज्य के लिए अच्छा है. विधायक सरयू राय ने कहा कि सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि पहले दिन सदन की कार्यवाही के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक की जाए.
बीजेपी की गैरहाजिरी रहा चर्चा का विषय
सर्वदलीय बैठक में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की गैरहाजिरी चर्चा का विषय बना रहा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधानसभा की ओर से सूचना जरूर गई थी. अब बीजेपी ही बताएगी कि क्यों नहीं बैठक में शामिल हुई.
3 से 09 सितंबर तक चलेगा मानसून सत्र
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 3 सितंबर से शुरू हो रहा है. विपक्ष के कड़े रुख और तैयारी से सदन की कार्यवाही बेहद ही हंगामेदार होने की संभावना है. विपक्ष कानून व्यवस्था, नियोजन नीति आदि मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा. हालांकि, इसका जवाब देने के लिए सत्तारूढ़ दलों ने भी तैयारी कर रखी है. मानसून सत्र 3 से 9 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा. लेकिन सत्र 4 दिन ही संचालित किया जाएगा. मानसून सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2021-22 का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जाएगा. 6 सितंबर को वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव वर्तमान वित्तीय वर्ष का अनुपूरक बजट पेश करेंगे. वहीं 7 सितंबर को इस पर चर्चा होगी. मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री प्रश्नकाल भी होगा. राज्य के नीतिगत मामलों में विधायक इस दौरान मुख्यमंत्री से सवाल करेंगे.