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रांची में BIT के प्रोफेसर का हुआ था अपहरण, पुलिस ने अनगड़ा जंगल से कराया मुक्त

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Published : Jul 27, 2022, 12:50 PM IST

Updated : Jul 27, 2022, 2:00 PM IST

बीआईटी मेसरा के पूर्व प्रोफेसर सुप्रियो दास को अपहरण के बाद पुलिस ने अनगड़ा से मुक्त कराया है. प्रोफेसर के अपहरण की साजिश बीआईटी मेसरा में काम करने वाले एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी शंकर महतो ने रची थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है.

BIT professor
रांची में बीआईटी प्रोफेसर

रांची:झारखंड के नामी संस्थानों में शुमार बीआईटी मेसरा के पूर्व प्रोफेसर सुप्रियो दास का अपराधियों ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया था.मामले में असम पुलिस के द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर रांची पुलिस ने अंगड़ाई इलाके से प्रोफेसर को सकुशल मुक्त करवा लिया है. वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया है.

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करीबी ने रची साजिश: प्रोफेसर के अपहरण की साजिश बीआईटी मेसरा में काम करने वाले एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी शंकर महतो ने ही रची थी. रांची के सिटी एसपी अंशुमान कुमार ने बताया कि प्रोफेसर सुप्रियो दास साल 2018 में बीआईटी मेसरा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनकी नौकरी के समय से ही बीआईटी मेसरा में कार्यरत फोर्थ ग्रेड कर्मचारी शंकर महतो प्रोफेसर की देखभाल किया करता था ,चुकी प्रोफेसर ने शादी नहीं की थी इसलिए वह अकेले ही रहा करते थे. रिटायरमेंट के बाद प्रोफेसर के पास काफी पैसा था जिस पर शंकर की नजर थी. उसने प्रोफेसर के पैसों को हड़पने की पूर्व में कई बार कोशिश की लेकिन उसमें वह कामयाब नहीं हो पाया जिसके बाद उसने अपने दो साथियों अमित मिश्रा उर्फ लिंडा और भोला कुमार के साथ मिलकर प्रोफेसर के अपहरण की साजिश रच डाली.

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घर पर खाने के लिए बुलाया:19 जुलाई को शंकर ने प्रोफेसर को अपने घर पर खाना खाने के लिए बुलाया. लेकिन शंकर ने प्रोफेसर को अपने घर में खाना न खिलाकर एक ढाबे में खाना खिलाया और वहीं से एक वैन से उनका अपहरण कर लिया,19 जुलाई को प्रोफेसर का अपहरण कर शंकर महतो और उसके साथियों ने उन्हें अनगड़ा जंगल स्थित एक कमरे में कैद कर दिया.

असम पुलिस से मिली रांची पुलिस को जानकारी: शंकर महतो और उसके साथी प्रोफेसर पर लगातार पैसे देने का दबाव डाल रहे थे. इसके लिए उन्होंने प्रोफेसर के असम स्थित रिश्तेदारों और प्रोफेसर के मकान मालिक को भी फिरौती के लिए फोन किया था. क्योंकि प्रोफेसर के किडनैप को लेकर रांची पुलिस के पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई थी और न ही रांची के किसी थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. ऐसे में पुलिस को यह जानकारी भी नहीं थी कि प्रोफेसर का अपहरण कर लिया गया है. जब अपहरणकर्ताओं ने असम में प्रोफेसर के रिश्तेदारों को 5 लाख की फिरौती के लिए फोन किया तब जाकर असम पुलिस ने रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल से संपर्क कर उन्हें प्रोफेसर के अपहरण की जानकारी दी.

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सदर और बीआईटी ओपी टीम ने करवाया मुक्त:जैसे ही मामले की जानकारी रांची के सीनियर एसपी को मिली उन्होंने तुरंत सदर थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो और बीआईटी ओपी प्रभारी विपुल ओझा और उनकी टीम को अपहरणकर्ताओं के पीछे लगा दिया. टेक्निकल सेल की मदद से पुलिस को जानकारी मिली कि जिस नंबर से फिरौती की रकम मांगी जा रही है उसका लोकेशन लगातार अनगड़ा ही रह रहा है. जिसके बाद देर रात पुलिस की टीम ने जंगल में छापेमारी कर न सिर्फ प्रोफेसर को सकुशल मुक्त करवा लिया बल्कि तीनों अपहरणकर्ताओं को भी मौके पर ही धर दबोचा.

चेक साइन करवा निकाला पांच लाख:अपहरणकर्ताओं के चुंगल से मुक्त होने के बाद प्रोफेसर ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने उनसे जबरदस्ती चेक पर साइन करवा कर 5 लाख रुपये उनके एकाउंट से निकाल लिए थे. उनके पॉकेट में 10 हजार रुपये थे उसे भी उन्होंने छीन लिया था. फिलहाल रांची पुलिस ने तीनों अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है. प्रोफेसर के सकुशल रिहा होने की सूचना भी उनके परिजनों को दे दी गई है.

Last Updated : Jul 27, 2022, 2:00 PM IST

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