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किसानों को पशुधन और केसीसी की सौगात, सीएम ने कहा- पारंपरिक खानपान को बचाए रखना जरूरी

सोमवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर प्रोजेक्ट भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राज्य के 62 हजार 646 लाभुकों को पशुधन का लाभ दिया गया.

Birsa Kisan Samman ceremony
बिरसा किसान सम्मान समारोह

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Published : Aug 9, 2021, 8:32 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 9:07 PM IST

रांची:झारखंड सरकार किसानों को एक नई पहचान देने की कवायद में जुटी है. इसी कवायद में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बिरसा किसान सम्मान समारोह का आयोजन किया. जिसमें बड़े पैमाने पर मुख्यमंत्री पशुधन और KCC योजना का लाभ किसानों को दिया गया. कार्यक्रम में राज्य के 62 हजार 646 लाभुकों को पशुधन का लाभ दिया गया. वहीं देश में सातवां स्थान पाने वाले हजारीबाग बाजार समिति को मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया गया. इसके अलावा सब्जी विक्रेता सहकारी संघ को 40 वैन की चाबी सीएम ने भेंट स्वरूप दिया.

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हर गरीब को मिले योजना का लाभ

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने दुमका और बोकारो के किसानों से ऑनलाइन बात की. सीएम ने कृषि के क्षेत्र में हो रही समस्या को लेकर भी चर्चा की. सीएम ने कहा कि सरकारी छुट्टी का दिन होने के बावजूद विश्व आदिवासी दिवस को यादगार बनाने के लिए यह कार्यक्रम किया गया. किसान अर्थव्यवस्था के जड़ होते हैं और अगर जड़ मजबूत रहे तो तना मजबूत होगा. किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से यह योजना चलाई जा रही है.

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सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के किसान अब बिरसा किसान के नाम से जाने जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की हर योजना का लक्ष्य गरीब आदिवासी और किसानों के साथ-साथ अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाना है. झारखंड में सिर्फ खनिज संपदा पर ध्यान दिया जाता है. लेकिन हमारी सरकार कृषि के क्षेत्र में किसानों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है.

मिड-डे-मील में बच्चों को मिलेगा अंडा

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कुपोषण की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि 40% से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. बच्चे दिखने में स्वस्थ होते हैं, पर उनका बौद्धिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है. इसी को लेकर मिड-डे मील योजना चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि कुपोषण से लड़ने के लिए स्कूलों में सप्ताह के 6 दिन बच्चों को अंडा दिया जाएगा. अगर बीच में दो अंडा चोरी भी हो जाए तो कम से कम चार अंडा बच्चों तक पहुंच पाएगा.

सीएम ने कहा कि पिछले 100 साल में सिर्फ कोयला, लोहा और अभ्रक पर ध्यान दिया गया, पर किसी ने भी किसानों के बारे में कभी नहीं सोचा. लोग आज पुरानी विधि और पारंपरिक तरीके का खानपान छोड़ते जा रहे हैं. नौकरी और रोजगार की ओर पलायन कर रहे हैं. सब अगर नौकरी करेंगे तो खेती कौन करेगा और लोग खाएंगे क्या. सीएम ने कृषि कानून पर चुटकी लेते हुए कहा कि जिसे पहले हमारे पूर्वज खाया करते थे उसे आज बाजारों में अधिक मूल्य पर बेचा जा रहा है. यह कहीं ना कहीं हमारे पारंपरिक खानपान पर चोट है.

कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि केसीसी के लिए 6 लाख 43 हजार 632 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 1 लाख 40 हजार किसानों को इसका लाभ मिल गया. उन्होंने कहा कि विपदा के समय भी झारखंड सरकार ने किसानों की ऋण माफी की घोषणा की.

Last Updated : Aug 9, 2021, 9:07 PM IST

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