रांची: भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू और उसके सहयोगियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन बुलबुल में झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि लातेहार, लोहरदगा के सीमावर्ती गांव बुलबुल, सहेदाटोली, नारायणपुर के आसपास के जंगलों में रवींद्र गंझू का दस्ता बॉक्साइड माइंस में वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा था. मामले की जानकारी मिलने के बाद झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त बलों ने अभियान चलाया. इस कठिन अभियान में झारखंड पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. इस अभियान में पुलिस की टीम ने 11 कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें जोनल कमांडर दस लाख के इनामी बलराम उरांव, सब जोनल कमांडर बालक गंझू, सुदर्शन भुइयां
दशरथ सिंह खेरवार, एरिया कमांडर मारकुश नागेशिया, सेल सदस्य शैलेश्वर उरांव, मुकेश कोरवा, विरेन कोरवा, शैलेंद्र नागेशिया, संजय नागेशिया, शीला खेरवार को गिरफ्तार किया गया. मुकेश और विरेन कोरवा छतीसगढ़ के बलरामपुर के रहने वाले हैं. बलराम के खिलाफ 82 नक्सल कांड दर्ज हैं.
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अमेरिकन राइफल समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद:गिरफ्तार माओवादियों की निशानदेही पर चलाए गए अभियान में एक अमेरिकन ऑटोमैटिक राइफल, 03 इंसास, 01 एलएमजी, 03 सेमी ऑटोमैटिक राइफल, 08 एसएलआर राइफल, 315 बोर की 03 रायफल, एक कार्रबाइन, एक पिस्टल, अलग अलग बोर की कुल 2020 गोलियां, एसएलआर की 13, इंसास की 4, एलएमजी की 2 व दो रेगुलर मैगजीन, एक हैंड ग्रेनेड, 4 वायरलेस सेट, 21 एमुनेशन पाउच, 26 कार्टिज फिलर, 30 मीटर कोडेक्श वायर, 100 मीटर फ्लैक्शिबल वायर, 16 आईईडी, लेवी की 3 लाख 27 हजार 150 रुपये, नक्सली साहित्य, केंद्रीय कमिटी की किताब समेत जरूरत के कई सामान बरामद किए गए हैं. आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि जो हथियार बरामद किए गए हैं उनमें से अधिकांश पुलिस से लूटे गए थे.
आठ से 21 फरवरी तक चला अभियान, दस बार मुठभेड़:आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि ऑपरेशन बुलबुल के तहत अंतरजिला संयुक्त वृहत अभियान चलाया गया. 8 से 21 फरवरी तक चले अभियान के दौरान अलग अलग जगहों पर कुल 10 बार भीषण मुठभेड़ हुई, जिसमें माओवादी पीछे भागने पर मजबूर हुए. इस दौरान आईईडी की चपेट में आने से तीन कोबरा बटालियन के जवान जख्मी हुए. आईजी अभियान ने बताया कि अभियान के दौरान पुलिस ने नक्सलियों की मांद में घूसकर उनके बंकरों को ध्वस्त किया.
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बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है रवींद्र का दस्ता:रवींद्र गंझू का दस्ता लोहरदगा और लातेहार के इलाके में लगातार बड़ी वारदातों को अंजाम देता रहा है. लोहरदगा के धरधरिया में सिरिज आईईडी ब्लास्ट कर 11 सुरक्षाकर्मियों की हत्या, लुकईया मोड़ में पुलिस बलों पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों की हत्या, पाखरा माइंस में हमला कर 12 वाहनों को आग लगाने, कुंजाम माइंस में 29 वाहनों की आगजनी में रवींद्र का दस्ता सक्रिय रहा है. ऑपरेशन बुलबुल के दौरान मुठभेड़ को लेकर पेशरार और जोबांग थाने में चार प्राथमिकी दर्ज की गई है.
टारगेट पर है रविन्द्र:झारखंड पुलिस को यह जानकारी मिली थी लातेहार और लोहरदगा के सीमावर्ती जंगलों में 35 की संख्या में कुख्यात नक्सली डेरा डाले हुए हैं. इनमें से 11 को पुलिस ने दबोच लिया है, जबकि एक को मार गिराया है. हालांकि इस इलाके का सबसे दुर्दांत नक्सली कमांडर रविंद्र गंझू अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया है. झारखंड पुलिस का यह अभियान अभी भी जारी है. इस इलाके में झारखंड पुलिस को 15 लाख के इनामी रविंद्र गंझू के अलावा अमन गंझू, नीरज सिंह खेरवार, प्रदीप सिंह खरवार, अघनु गंझू, शीतल मोची और संतु उरांव जैसे इनामी नक्सलियों की तलाश है.
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चल रहा है हवाई सर्वेक्षण:आईजी अभियान ने बताया कि पूरे इलाके में माओवादियों ने आईईडी से गांवों की घेराबंदी की है. इन इलाकों में घेराबंदी के कारण ग्रामीणों को भी ब्लास्ट में नुकसान हुआ है. आईजी अभियान ने बताया कि पूरे मामले में सुरक्षाबलों के द्वारा हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है. इलाके में कई माओवादी अब भी छिपे हैं, जिनपर एयर सर्विलांस रखा गया है.