रांची: झारखंड में भोक्ता जाति की आबादी 2 लाख 23 हजार है जो अब तक अनुसूचित जाति की श्रेणी में था. एसटी में शामिल हुए भोक्ता जाति को वर्तमान समय में हो रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है. कल तक एससी का सर्टिफिकेट लेकर आरक्षण का लाभ लेने वाले भोक्ता समाज को यह कहकर नामांकन खारिज किया जा रहा है कि वे अब एसटी श्रेणी में हैं यानी आरक्षण का लाभ लेना है तो एसटी सीट से चुनाव लड़ें. भोक्ता जाति के प्रत्याशी की विवशता यह है कि उन्हें एसटी का दर्जा भलें ही दे दी गई हों मगर नये सिरे से जाति प्रमाण नहीं बन पा रहे हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव में भोक्ता समाज की भागीदारी पर संशय के बादल घिर गये हैं.
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भोक्ता को एसटी में शामिल करने पर सियासत शुरू: झारखंड में भोक्ता जाति को एसटी में शामिल किये जाने का विरोध कर रहे राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेवार मानते हुए भाजपा पर भोक्ता समाज को बर्बाद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि वर्तमान स्थिति में भोक्ता जाति के लोग वार्ड सदस्य से लेकर जिला परिषद तक के चुनाव में खड़ा नहीं हो सकते. जाति प्रमाण पत्र नये सिरे से बनने में वक्त लगेगा तबतक पंचायत चुनाव खत्म हो जायेगा. उन्होंने इसके लिए भाजपा सरकार को दोषी माना है.
इधर, मंत्री सत्यानंद भोक्ता के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा विधायक अमित मंडल ने कहा है कि पंचायत चुनाव में पहले ओबीसी समाज को आरक्षण से हाथ धोना पड़ा और अब भोक्ता समाज को परेशानी हो रही है. यह सब राज्य सरकार के द्वारा बिना सोचे विचारे चुनाव कराने के कारण हुआ है.