रांची:पर्व त्यौहार का सीजन चल रहा है. कुछ दिन बाद दीपावली है, जो मुंह मीठा किए और दूसरों के कराये बगैर पूरी नहीं होती. दुकानदार भी इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं. मिठाई की डिमांड बढ़ती है तो मिलावट की एंट्री का भी खतरा बढ़ जाता है. अब सवाल है कि आम लोग मिठाई में की गई मिलावट को कैसे चेक करें? इसे लेकर ईटीवी भारत ने राज्य के फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा से खास बातचीत की है.
ऐसे करें असली-नकली की पहचान(भाग-1) रांची में स्थित फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी में फूड एनालिस्ट में हमारी टीम ने यह जानने की कोशिश की. जहां फूड एनालिस्ट ने बहुत सरल और घरेलू तरीके से बाजार में मिलने वाले मिठाईयों की जांच का तरीका बताया है. झारखंड के फूड सेफ्टी एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया कि यह संभव है. हमारे वरिष्ठ सहयोगी राजेश कुमार सिंह के साथ बातचीत के दौरान चतुर्भुज मीणा ने बताया कि मिठाई के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थों में होने वाले मिलावट को भी पकड़ा जा सकता है, अगर आम लोग थोड़ी सी गंभीरता दिखाएं तो प्रशासन को भी एक्शन लेने में मदद मिलेगी.
ऐसे करें असली-नकली की पहचान(भाग-2) मिलावट पकड़ने के घरेलू तरीके
फेस्टिव सीजन में सबसे ज्यादा छेना और खोए की मिठाई की डिमांड होती है, अगर आपको मिलावट का थोड़ा भी अंदेशा हो तो आयोडीन टिंचर का दो बूंद लें और उसे थोड़े पानी में मिला दें और उस घोल को संबंधित मिठाई पर डालें. अगर उसमें मिलावट होगा तो मिठाई का रंग काला पड़ जाएगा. इसी तरह हल्दी पाउडर और मिर्च के पाउडर में मिलावट की बहुत गुंजाइश होती है, उसे भी घरेलू विधि से डिटेक्ट किया जा सकता है.
हाईटेक हो रहा है राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला
झारखंड बनने के बाद से अब तक राज्य खाद्य प्रयोगशाला में सिर्फ मिलावटी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच होती थी. यह जांच रासायनिक विधि से की जाती है, लेकिन बहुत जल्द खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले हानिकारक रोगाणु की भी जांच होगी. इसके लिए माइक्रोबायोलॉजी लैब तैयार किया जा रहा है. जांच की गति तेज हो इसके लिए जरूरी रिक्त पदों के सृजन को भी कैबिनेट की हरी झंडी मिल चुकी है. फिलहाल खाद्य जांच प्रयोगशाला के पास दो वैन हैं, जो MFTL यानी मोबाइल फूड टेस्ट लैब से लैस हैं. यही दोनों गाड़ियां 24 जिलों में घूमती हैं और संदिग्ध फूड सैंपल को कलेक्ट करते हैं. जिसके बाद अपनी जांच रिपोर्ट फूड सेफ्टी ऑफिसर को देती हैं. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होती है.
फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया कि मिलावट करने वाले तमाम उपाय अपनाते हैं, ताकि पकड़े ना जा सकें. उन्होंने मध्य प्रदेश के भिंड में नकली घी बनाने वाले एक कारोबारी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कारोबारी ने अपना लैब स्थापित किया था और इस तरह से नकली घी बनाता था, जिसे सामान्य जांच में पकड़ना मुश्किल था. फिर भी उसकी चोरी पकड़ी गई थी और उस पर 10 लाख का जुर्माना भी हुआ था.
आम लोग भी करा सकते हैं मिलावट की जांच
चतुर्भुज मीणा ने बताया कि अगर आप कोई खाद्य पदार्थ खरीदते हैं और आपको लगता है कि इसमें मिलावट है तो आप बेझिझक उसे रांची के नामकुम स्थित लैब में ला सकते हैं. जांच में मिलावट प्रमाणित होने पर इसकी जानकारी फूड सेफ्टी ऑफिसर को दी जाती है, ताकि नियमों का पालन करते हुए प्रशासनिक स्तर पर फिर से जांच सुनिश्चित कराई जा सके.