रांची:कोरोना के बावजूद दिवाली को लेकर शहर में उत्साह देखा जा रहा है. लोग बाजारों में निकल रहे हैं और पूजन सामग्री भी खरीद रहे हैं. वहीं प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी केले की थंब की डिमांड बाजार में दिख रहा है. लोग अपने घरों, मकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर केला केले की थंब जरूर लगाते हैं. इसका एक अलग धार्मिक मान्यता है.
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष खपत कम, राजधानी में बिक रहा है 600 रुपये जोड़ा केला थंब
दिवाली के मौके पर मिट्टी का दीया जलाने का विशेष महत्व है. इसके साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश के पूजा में भी कई पूजा समाग्रियों का विशेष महत्व है. इन्हीं में से एक केले का थंब भी है. लोग अपने घरों, मकानों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के बाहर केला केले की थंब जरूर लगाते हैं. इसका एक अलग धार्मिक मान्यता है. रांची में इस बार भी केले के थंब की बिक्री खूब हुई.
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ट्रांसपोर्ट में परेशानी आने के कारण इस वर्ष उतनी मात्रा में केला का थंब मंगवाया नहीं जा सका है. हालांकि जरूरतों को पूरा करने के लिए झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से भी केले की पेड़ बाजार में मंगवाया गया है और लोगों को उपलब्ध हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष इसकी अलग से तैयारी होती है. बाजारों में इसे उतारा जाता है और लोग अपने हिसाब से इसे खरीदते हैं. इस वर्ष भी खरीदारी हो रही है लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में कम है.