रांची:धुर्वा स्थित नए विधानसभा भवन में बीते 4 दिसंबर की रात भीषण आग लगी थी. दावा किया गया था कि इस अगलगी में करोड़ों का नुकसान हुआ. इसके साथ यह भी दावा किया गया था कि 23 दिसंबर के पहले आग लगने वाले क्षेत्र का दोबारा पुनर्निर्माण कर लिया जाएगा. नए विधानसभा भवन का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम धुर्वा पहुंची.
झारखंड गठन के 19 साल बाद राज्य को अपना विधानसभा भवन मिलने वाला था, लेकिन सरकार को हैंडओवर होने से महज कुछ दिन पहले ही अचानक आग लग जाने से भवन का एक हिस्सा जल गया. जिसके बाद तरह-तरह के राजनीति कयास लगाए गए. ऐसे में भवन निर्माण कर रही कंपनी ने भरोसा दिया था कि आगामी 23 दिसंबर तक क्षतिग्रस्त हुए हिस्से को दोबारा से ठीक कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा लगता है कि नए विधानसभा भवन में जो आग की वजह से नुकसान हुआ था उसका पुनर्निर्माण अभी तक शायद नहीं हो पाया है. यही वजह है कि नए विधानसभा भवन के तीनों गेट बंद हैं और अंदर ही अंदर काम करवाया जा रहा है. फिलहाल, विधानसभा के अंदर जाने की इजाजत मीडिया को भी नहीं है.
मीडिया को नए विधानसभा भवन में प्रवेश निषेध
23 दिसंबर के बाद आखिरकार किस हालात में विधानसभा के नए भवन में विधायक बैठेंगे, इसका जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम नए विधानसभा भवन पहुंची. लेकिन नए विधानसभा भवन के गेट पर तैनात गार्ड ने यह कह कर मीडियाकर्मियों को अंदर जाने से रोक दिया कि फिलहाल ऊपर से यह आदेश है कि किसी भी हाल में मीडिया को अंदर नहीं जाने दिया जाए. हालांकि इस दौरान कंपनी के लोगों का विधानसभा के नए भवन में आना-जाना लगा रहा.
नुकसान का आकलन नहीं, साजिश की कही गई थी बात
आग लगने के बाद कितना नुकसान हुआ इसकी अधिकारिक पुष्टि किसी ने नहीं की किया है और ना ही विधानसभा कमेटी सदस्य भी इस पर कुछ बोले हैं. यहां तक कि जो कंपनी विधानसभा भवन को बना रही है, उसने भी आग लगने की वारदात के बाद यह कहा गया था कि यह किसी साजिश का नतीजा है. लेकिन ना तो इस मामले में कोई जांच रिपोर्ट आई और ना ही कंपनी ने अपनी रिपोर्ट किसी के सामने पेश किया. नए विधानसभा भवन का निर्माण कर रही कंपनी आखिर क्या छुपाना चाहती है यह एक जांच का विषय है.
अगलगी में क्या-क्या हुआ था नुकसान