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बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, ठेकेदारों की बकाया राशि का भुगतान करने की मांग की - Babulal wrote letter to pay amount of the sensors

बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर ठेकेदारों की बकाया राशि को चुकाने के लिए आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि निर्माण परियोजनाओं के संवेदकों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. ऐसे में तत्कान उनकी बकाया राशि का भुगतान किया जाए.

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बाबूलाल मरांडी

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Published : Jun 25, 2020, 6:02 PM IST

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र के जरिए सीएम से कहा कि निर्माण परियोजनाओं और सरकार से जुड़े अन्य कार्य जो संपादित हो चुके हैं, उसकी बकाया राशि पर रोक लगाना अनुचित है. पत्र के जरिए उन्होंने योजना से जुड़े लोगों का भुगतान जल्द से जल्द कराने का आग्रह किया है. ये जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी है. उन्होंने लिखा कि निर्माण परियोजनाओं और सरकार से जुड़े अन्य कार्य जो संपादित हो चुके हैं, उनकी बकाया राशि पर रोक लगाने के संबंध में उन्होंने बीती 3 मई को भी पत्र लिखा था. इस मामले में तब से लेकर आज तक परिस्थितियां जस की तस बनी हुई हैं. सरकारी कार्यों में इनका महत्वपूर्ण योगदान है और जिनके भरोसे और दम पर सरकार की व्यवस्था चल रही है. ऐसे लोगों का भुगतान होना दुखद और अनुचित है. इससे राज्य की संरचना प्रभावित होना स्वाभाविक है. वहीं, भुगतान लंबित होने से संवेदकों की भी स्थिति दयनीय हो गई है.

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वेतन नहीं मिलने के कारण कामगारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. झारखंड में संवेदकों की सिक्योरिटी राशि, जो सरकार के पास जमा है, वह भी उन्हें नहीं मिल पा रही है. पुरान कार्य करके ठेकेदार बैठे हुए हैं. ऐसा करके राज्य को गंभीर अव्यवस्था की ओर पहुंचाया जा रहा है. झारखंड सरकार कछुए की तरह चल रही है. हर काम दूसरे राज्यों में हो जाता है उसके बाद झारखंड सरकार की नींद खुलती है. उन्होंने कहा कि सरकार को संवेदकों की परेशानी की तनिक भी सुध नहीं है. लॉकडाउन से उत्पन्न समस्या सभी के लिए समान है. कई संवेदक परियोजनाओं में पूंजी उधार लेकर लगाते हैं. उन पर बैंकों का दबाव बढ़ रहा है. उन्हें ब्याज की मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. सरकार को ऐसे आदेश निकालने से पहले सभी पहलुओं पर विचार कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस समस्या का जल्द ही समाधान किया जाए.

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