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NPR-NRC के खिलाफ प्रस्ताव पारित, बाबूलाल मरांडी का सवाल, बांग्लादेशियों को कैसे चिन्हित करेगी सरकार

झारखंड विधानसभा का सत्र स्थगित होने से ठीक पहले झारखंड में एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं करने से जुड़ा एक प्रस्ताव भी पारित कराया गया. जिसका मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने जमकर विरोध किया. सदन से बाहर निकले भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए.

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Published : Mar 23, 2020, 7:38 PM IST

Babulal marandi,बाबूलाल मरांडी
बाबूलाल मरांडी, बीजेपी विधायक

रांची:कोरोना के खौफ के बीच सोमवार को झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. लेकिन स्थगन से ठीक पहले झारखंड में एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं करने से जुड़ा एक प्रस्ताव भी पारित कराया गया. जिसका मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने जमकर विरोध किया. सदन से बाहर निकले भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी से सबूत नहीं मांगा जाएगा, इसके बावजूद राजनीति के मकसद से हेमंत सरकार ने एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है.

बाबूलाल मरांडी का बयान

कोरोना की तैयारी नाकाफी-बाबूलाल मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिया हैं. क्या सरकार उनको चिन्हित करना चाहती है या नहीं और निकालना चाहती है या नहीं यह सरकार को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ पूरा देश कोरोना के खौफ से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक रांची के रिम्स में जांच की व्यवस्था नहीं हो पाई है. उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड किसी भी सूरत में नहीं बनाया जाना चाहिए. बाबूलाल मरांडी ने फिर राज्य सरकार को सुझाव दिया कि बंद पड़े स्कूल कॉलेजों में आइसोलेशन वार्ड बनाना चाहिए ताकि संक्रमण को रोका जा सके. उन्होंने चुटकी लेते हुए यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार के पास पैसे नहीं है तो वह विधायकों के फंड का भी इस्तेमाल कर सकती है.

बाबूलाल मरांडी का बयान

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'सिर्फ कागजों पर घोषणा'

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ट्रेन और बसों से आए काफी संख्या में लोग यहां वहां फंसे हुए हैं। लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ कागजों पर घोषणा कर रही है इसकी वजह से लोगों में भ्रम का माहौल पैदा हुआ है. उन्होंने सुझाव दिया कि झारखंड में फंसे दूसरे राज्यों के यात्रियों को उनके गंतव्य तक भेजने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.

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