रांची: प्रदेश में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ई-मेल से मिली धमकी मामले में इंटरपोल से मदद लेने की जरूरत बताई है. सोमवार को इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर उन्होंने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है. साथ ही राज्य के मुखिया की सुरक्षा और प्रदेश की अस्मिता से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस बाबत उपयोग किया गया सिस्टम का सर्वर स्विट्जरलैंड और जर्मनी का होने के कारण मामला दो विभिन्न देशों का हो जाता है. ऐसे में इनके निपटारे सहयोग और पत्राचार के लिए देश में इंटरपोल की व्यवस्था है. ऐसे में राज्य सरकार को उस एजेंसी की मदद लेनी चाहिए ताकि इसमें संलिप्त अपराधियों का चेहरा बेनकाब हो सके.
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मरांडी ने उठाया सवाल, कहा 8 जुलाई की घटना 13 को हुई दर्ज
उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक 8 जुलाई की घटना है, जबकि प्रदेश के साइबर थाने में इस बाबत प्राथमिकी 13 जुलाई को दर्ज कराने की बात सामने आ रही है. ऐसे में इन बीच के पांच के दिनों में राज्य पुलिस क्या कर रही थी. उन्होंने कहा कि इससे राज्य के पुलिस के वरीय अधिकारी कितने इस मामले को लेकर संजीदा हैं. इससे यह भी पता चलता है. उन्होंने कहा कि राज्य के किसी वरीय अधिकारी के हवाले से इंटरपोल को लिखित सूचित कर आगे की कार्रवाई के लिए उनका सहयोग क्यों नहीं लिया गया, यह भी एक बड़ा सवाल है.
पुलिस नहीं है गंभीर
उन्होंने कहा कि ये ऐसी बातें हैं जो दाल में कुछ काला होने का इशारा कर रही हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस कितनी काबिल है यह सीएम से भी छिपा नहीं है. इसी प्रकरण में 13 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस कुछ नहीं कर पाई है. उन्होंने कहा कि सीएम के आधिकारिक ईमेल के माध्यम से उन्हें जान मारने की धमकी दी गई और पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस की जांच प्रक्रिया इस मामले में खानापूर्ति लग रही है. बता दें कि बाबूलाल मरांडी रविवार को दिल्ली यात्रा सेवा झारखंड वापस लौटे उसके बाद से होम क्वॉरेंटाइन में है.