रांची: राज्य में बढ़ते साइबर अपराध और साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर दायर याचिका को संशोधित करने की हाईकोर्ट ने छूट प्रदान की थी. इसी आदेश के आलोक में याचिका को संशोधित कर फिर से अदालत में दाखिल की गई है. इस मामले में अब चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने अगली सुनवाई 4 मार्च को निर्धारित की है.
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झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि राज्य में बढ़ते साइबर अपराध और साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर मनोज कुमार राय ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर पूर्व में सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से बताया गया था कि, इस याचिका में प्रार्थी ने सारे आग्रह राज्य सरकार से किए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार इन बिंदुओं पर जवाब नहीं दे सकती. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि, वह संशोधित याचिका दाखिल करेंगे. अदालत ने याचिकाकर्ता को इसकी छूट प्रदान कर दी थी.
अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की मांग
अब संशोधित याचिका दाखिल की गई है इसमें कहा गया है कि, झारखंड के जामताड़ा, दुमका, पाकुड़ में साइबर अपराधी सबसे अधिक सक्रिय हैं. साइबर अपराधी लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा खाते से उड़ा कर अकूत संपत्ति अर्जित कर चुके हैं. कुछ अपराधी पकड़े भी जाते हैं, लेकिन उन्हें सख्त सजा नहीं मिल पाती. कुछ दिन जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल जाती है और दोबारा वह यह काम करते हैं. किसी भी साइबर अपराधी की संपत्ति आज तक जब्त नहीं की गई है और न ही आयकर विभाग या ईडी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. ईडी को चाहिए की अवैध तरीके से अर्जित साइबर अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाए.