रांची: चुनाव आते ही राजनीतिक दलों और नेताओं के 'आश्वासन के राशन' का पिटारा खुलने लगता है. हर राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से घोषणा पत्र तैयार करता है. ऐसा ही कुछ इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल रहा है.
जानकारी देते आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता विधानसभा चुनाव 2019 में सभी दलों के मेनिफेस्टो में अन्य पिछड़े वर्गों को बेशुमार प्राथमिकता दी गई है. सत्तारूढ़ बीजेपी की बात करें या प्रमुख विपक्षी दल जेएमएम कि या आजसू सभी दलों ने ओबीसी को पर्याप्त आरक्षण देना अपनी प्राथमिकता बताया है.
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पीछे पलट कर देखें तो झारखंड में ओबीसी के लिए आरक्षण की मांग दोहराते रहने वाले आजसू पार्टी ने आबादी के हिसाब से आरक्षण देने की मांग की है. आजसू ने साफ तौर पर कहा कि राज्य में निवास करने वाली अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी को 27 से 32% तक का आरक्षण मिलना चाहिए. आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि यह महज कोरा आश्वासन नहीं है, बल्कि इस मांग को लेकर पार्टी लगातार सरकार में शामिल रहने के बावजूद आवाज उठाती रही है. उन्होंने कहा कि अन्य दलों के लिए यह इलेक्शन मेनिफेस्टो का एक पॉइंट हो सकता है, लेकिन आजसू पार्टी के लिए यह प्रतिबद्धता है.
वहीं, प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी अन्य पिछड़ा वर्ग को संविधान सम्मत आरक्षण देने की वकालत की है. पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि यदि राज्य में दोबारा सरकार बनती है तो अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग को भी पर्याप्त आरक्षण देने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी, जबकि प्रमुख विपक्षी दल जेएमएम ने भी अपने इलेक्शन मेनिफेस्टो में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण देने की वकालत की है, हालांकि इस दौड़ में विपक्षी दल जेवीएम भी शामिल है, वहीं कांग्रेस ने भी अन्य मुद्दों के साथ इसे भी अपनी प्राथमिकता बताया है.
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आखिर क्या है ओबीसी पॉलिटिक्स की वजह
सामाजिक, आर्थिक जाति जनगणना, 2011 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो झारखंड में अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी के लगभग 1.33 करोड़ लोग रहते हैं, जबकि राज्य की आबादी 3.29 करोड़ है. उस हिसाब से देखें तो राज्य में एक तिहाई से भी अधिक आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है.
मौजूदा आंकड़ों के अनुसार गिरिडीह राज्य का वह जिला है, जहां ओबीसी की सबसे ज्यादा आबादी है.यहां 15.42 लाख ओबीसी रहते हैं, जो जिले की कुल आबादी का 60% से अधिक है. वहीं जनसंख्या के लिहाज से देखें तो धनबाद में यह आबादी 11. 54 लाख है, जबकि बोकारो में इनकी आबादी 7.66 लाख है.