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कांके विधानसभा सीट से सभी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर, क्या समरी लाल बरकरार रख पाएंगे बीजेपी का झंडा! - कांके से कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दिया टिकट

रांची के कांके विधानसभा सीट की लड़ाई इस बार दिलचस्प हो गई है. बीजेपी ने सिटिंग विधायक का टिकट काटकर समरी लाल पर भरोसा जताया है. वहीं बीजेपी के पुराने सहयोगी आजसू ने भी इसबार यहां से उम्मीदवार उतारा है. यह सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती रही है.

All parties fielded candidates from Kanke assembly seat
कांके की लड़ाई काफी दिलचस्प

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Published : Nov 26, 2019, 1:11 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के सरगर्मी के बीच कांके विधानसभा सीट पर सभी पार्टियों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह बीजेपी का परंपरागत सीट मानी जाती है. पिछले तीन बार से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 2014 में बीजेपी के जीतू चरण राम ने कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेश कुमार बैठा को हराकर जीत हासिल की थी.

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कांके विधानसभा सीट कई मायनों में अहम माना जाती है, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसी संस्थान हैं जो विश्वव्यापी अपना स्थान रखती है. जैसे रिनपास, सीआईपी , बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, नेशनल लॉ कॉलेज, रिम्स, बीआईटी, खनिज संपदा से परिपूर्ण खलारी इस विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ता है. इस बार भी इस सीट से सभी दल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन जनता किसपर भरोसा करती है यह वोटिंग के बाद ही पता चलेगा.

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बीजेपी ने सिटिंग विधायक का काटा टिकट
कांके विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर पिछली बार 2014 में बीजेपी की टिकट से जीतू चरण राम को 1,15,207 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 60 हजार वोटों से हराया था, लेकिन इस बार सिटिंग विधायक जीतू चरण राम का टिकट काटकर पार्टी ने समरी लाल पर भरोसा जताया है.

समरी लाल का राजनीतिक अनुभव लंबा
समरी लाल बीजेपी से 2013 में जुड़े हैं, हालांकि समरी लाल का बीजेपी में लंबा सफर नहीं रहा है, लेकिन अगर राजनीतिक जीवन की बात करें तो उनका लंबा अनुभव रहा है. समरी लाल 1989 में जनता दल के टिकट से कांके विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. उसके बाद आरजेडी की टिकट से चुनाव लड़े. 2005 में उन्होंने जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ा. दोबारा 2009 में भी उन्होंने जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई है.

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समरी लाल ने जेपी आंदोलन में निभाई अहम भूमिका
इनके जीवन की बात करें तो रांची विश्वविद्यालय से उन्होंने M.A की पढ़ाई की है. 1974 के जेपी आंदोलन में उन्होंने सक्रिय आंदोलनकारी की भूमिका निभायी थी.1983 में वो रांची कॉलेज रांची छात्र संघ के महासचिव पद के लिए निर्वाचित हुए. समरी लाल के पास न अपना घर है और न ही बैंक बैलेंस और न ही इनके नाम से कोई भी प्रॉपर्टी. बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में एक साधारण नेता के रुप में उनपर भरोसा जताया.

समरी लाल ने बीजेपी के भरोसे पर खरा उतरने का दावा किया. उन्होंने कहा कि जनता का भरपूर सहयोग मिलेगा और जो भी कार्य बचे हुए हैं, उसे पूरा करने का भरपूर प्रयास किया जाएगा, क्योंकि कांके में ऐसी कई संस्था है जो पूरे देश में अपना अलग महत्व रखती है.

कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दोबारा दिया टिकट
वहीं, कांग्रेस की भी कांके विधानसभा क्षेत्र पर नजर रही है. कांग्रेस ने इस बार पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को टिकट दिया था, लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद कांग्रेस ने सुरेश बैठा को दोबारा टिकट दिया. पिछले 20 सालों से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे सुरेश बैठा 1995 से यूथ कांग्रेस से जुड़े रहे और जनता के बीच लगातार जाते रहे हैं. 2009 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन बीजेपी के रामचंद्र बैठा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2014 में उन्हें फिर से टिकट दिया, लेकिन बीजेपी के जीतू चरण राम से उन्हें हार का सामने करना पड़ा. इस बार भी वो कांग्रेस के ही टिकट से कांके विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में है.

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जेवीएम ने कमलेश राम को चुनावी मैदान में उतारा
जेवीएम के टिकट से छात्र नेता कमलेश राम इस बार चुनावी मैदान में हैं. 2014 में उन्होंने कांके विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन वो क्षेत्र की जनता के पास अपनी बातों को पहुंचाने में असफल रहे. उन्होंने कहा कि इस बार क्षेत्र की जनता निश्चित ही जनता उन्हें आशीर्वाद देकर विधानसभा भेजेगी. उनका मानना है कि कांके एक ऐसी विधानसभा सीट है, जहां पर कई संस्थान है, जिससे जुड़ कर युवाओं की बेरोजगारी दूर की जाएगी. उन्होंने क्षेत्र के किसानों को आधुनिक तरीके से जोड़ने का भी दावा किया.

आजसू ने भी उतारा प्रत्याशी
कांके विधानसभा से कई ऐसे प्रत्याशी हैं जो पिछले बार भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. एनडीए से अलग होकर आजसू ने भी इस बार रामजीत गंझु को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं 2014 में जेएमएम से चुनावी मैदान में उतरे डॉ अशोक नाग को जदयू ने टिकट दिया है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता यहां फिर से कमल खिलाना चाहती है या किसी और पर विश्वास करती है.

2014 में कांके विधानसभा के परिणाम

  • बीजेपी के जीतू चरण राम को कुल 115702 वोट मिले
  • कांग्रेस के सुरेश कुमार बैठा को 55898 वोट मिले.
  • जेएमएम के अशोक कुमार नाग को 17411 वोट मिले थे.
  • सीपीआई के सूबेदार राम को 4735 वोट मिले
  • एआई टीसी के निरंजन कालंदी को 19 68 वोट मिले थे.
  • आईएमडी के राजेश रजक को 1630 वोट मिले थे.

बीजेपी के सिटिंग विधायक जीतू चरण राम ने टिकट कटने पर कहा कि वे बीजेपी के एक सच्चे सिपाही हैं. पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया है, उसे मैं जिताने में पूरा सहयोग करूंगा, मेरा पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा कि मैंने क्षेत्र की जनता के लिए बहुत काम किया है, उन्होंने इस बार भी बीजेपी के प्रत्याशी का जीत का दावा किया है.

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