रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद उनके सबसे करीबी माने जानेवाले कैबिनेट मंत्री मिथिलेश ठाकुर इन दिनों ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोपों के घेरे में हैं. सरकारी ठेका लेने के आरोप में मुश्किलों में घिरे पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग में दाखिल लिखित शिकायत के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा गढ़वा डीसी से रिपोर्ट मांगी गई है. मिथिलेश ठाकुर पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो ने आवेदन पिछले महीने दिया था. भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में रांची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से रिपोर्ट मांगी थी.
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सीएम हेमंत के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोप, EC ने मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर भी ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोपों के घेरे में आ गए हैं. उनके खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग में दाखिल लिखित शिकायत के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने गढ़वा डीसी से रिपोर्ट मांगी है.
मिथिलेश ठाकुर पर यह है आरोप:याचिकाकर्ता सुनील कुमार महतो ने अपने आवेदन में लिखा है कि मिथिलेश ठाकुर द्वारा फॉर्म 26 में दिए गए ब्यौरे के अनुसार वे सत्यम बिल्डर्स अमला टोला चाईबासा कंपनी के पार्टनर हैं. यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का काम करती है. इस कंपनी द्वारा सरकार के साथ किए गए समझौते के तहत काम 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी चल रहा था. अपने आवेदन में सुनील महतो ने सरायकेला खरसावां के संजय नदी पर बने पुल का उदाहरण भी दिया है, जिसका काम 10 जनवरी 2022 तक चल रहा था. इसी तरह कई उदाहरण सुनील कुमार महतो ने दिए हैं, जिसमें सत्यम बिल्डर्स का ठेका में भी मिथिलेश ठाकुर के शामिल होने का आरोप लगाया गया है. सुनील महतो ने इस बाबत भारत निर्वाचन आयोग को कई दस्तावेज भी सुपुर्द किए हैं.
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हो रही है कारवाई-के.रवि कुमार:भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने गढ़वा डीसी को इस संबंध में अतिशीघ्र रिपोर्ट भेजने को कहा है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने इस संबंध में कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग में मिली लिखित शिकायत पर आगे की कारवाई की जा रही है. गढ़वा डीसी की रिपोर्ट मिलते ही इसे भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग को जो निर्णय होगा उसका पालन किया जायेगा.