रांचीः 34वां राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले के मुख्य आरोपी आरके आनंद को रांची सिविल कोर्ट से शनिवार को बड़ा झटका लगा है. आरोपी आरके आनंद की अग्रिम जमानत याचिका विजिलेंस कोर्ट में सुनवाई के बाद खारिज हो गया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुनाया है. आरोपी आरके आनंद की तरफ से अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा ने कोर्ट में पक्ष रखा. हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद आरके आनंद ने रांची सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपी आरके आनंद को सिविल कोर्ट से झटका, जमानत याचिका खारिज
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के मुख्य आरोपी आरके आनंद को रांची सिविल कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. विजिलेंस कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरके आनंद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. 34वें राष्ट्रीय खेल में 28 करोड़ 38 लाख का घोटाला हुआ था, जिसका मुख्य आरोपी आरके आनंद को बनाया गया है.
34वें राष्ट्रीय खेल में 28 करोड़ 38 लाख का घोटाला हुआ था. राष्ट्रीय खेल घोटाले के इस मामले में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, एसएस हाशमी, पीसी मिश्रा, आरके आनंद समेत अन्य के खिलाफ एसीबी ने प्राथमिकी दर्ज की है. एसीबी की जांच में आरके आनंद के खिलाफ सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के पर्याप्त सबूत मिले हैं. इस मामले में आरके आनंद के खिलाफ आरोप-पत्र भी दाखिल हो चुका है.
पांच जुलाई को हाई कोर्ट से याचिका हुई थी खारिज
34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला के मुख्य आरोपी आरके आनंद ने दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हुए जमानत देने की याचिका दायर की थी, जिसपर झारखंड हाई कोर्ट ने 5 जुलाई को जमानत देने से इनकार करते हुए आरके आनंद की याचिका को खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद आरके आनंद ने रांची सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, लेकिन रांची सिविल कोर्ट से भी जमानत याचिका खारिज हो गई है. इससे आरके आनंद की मुश्किलें बढ़ गई है. बता दें कि घोटाला के समय आरके आनंद नेशनल गेम ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष थे. एसीबी का आरोप है कि पद का दुरुपयोग करते हुए आरके आनंद ने सरकारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया है.