रांचीः मूक-बधिरों की परेशानी को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने पहल शुरू कर दी है. महिला बाल कल्याण विभाग और निशक्त विभाग द्वारा 15 दिवसीय साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण शुरू की गई है. राज्य मूक-बधिर आसानी से अपनी भावनाओं को समाज के समक्ष व्यक्त कर पाएं. इस कार्यक्रम में महिला बाल कल्याण विभाग मंत्री जोबा मांझी, निशक्त आयुक्त सतीश चंद्रा सहित विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे.
राज्य निशक्त आयुक्त सतीश चंद्रा ने कहा कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति आसानी से अपनी भावनाओं का आदान प्रदान कर पाते हैं. लेकिन मूक-बधिर जो सुन नहीं पाते उन्हें अपनी समस्याओं को समाज के समक्ष रखने में बड़ी परेशानी होती है, खासतौर पर जब कोई मूक-बधिर किसी हिंसा के शिकार होते हैं तो वह न्याय पाने से वंचित रह जाते हैं. न्याय दिलाने वाले पूछे गए सवाल को सुन नहीं पाते जिसकी वजह से वह अपनी पीड़ा नहीं बता पाते हैं वैसे परिस्थिति में साइन लैंग्वेज बहुत ही बड़ा माध्यम बनेगा.
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