रामगढ़ः रांची-पटना फोरलेन सड़क पर स्थित चुटूपालू घाटी में भीषण सड़क दुर्घटना हुआ है. हादसे में ट्रक के परखच्चे उड़े गए. इस हादसे में घटनास्थल पर ही ड्राइवर और उप ड्राइवर की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही रामगढ़ थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस ने घंटों मशक्कत के बाद लकड़ी में दबे दोनों शवों को निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
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चुटूपालू घाटी इन दिनों मौत की घाटी बनी हुई है. स्थानीय लोगों ने बताया कि घाटी में प्रत्येक दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और इन दुर्घटना में लोगों की मौत भी हो रही है. स्थानीय लोगों ने बताया कि रांची-पटना फोनलेन काफी व्यस्त सड़क है. इस सड़क पर रोजना हजारों की संख्या में भारी वाहन तेज रफ्तार से गुजरते हैं. लेकिन, प्रशासन तेज रफ्तार पर ब्रेक लगाने में नाकाम है. जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं.
उत्तर प्रदेश जा रहा था ट्रक
मिली जानकारी के अनुसार, लकड़ी लदा ट्रक लोहरदगा से उत्तर प्रदेश जा रहा था. इसी दौरान चुटूपालू घाटी में अनियंत्रित होकर पलट गया. इस दुर्घटना में ट्रक के परखच्चे उड़ गए. वहीं, ड्राइवर और उप चालक लकड़ी में दब गए जिससे उनकी मौत हो गई. हालांकि अब तक चालक और सह चालक की पहचान नहीं हो सकी है.
पिछले तीन साल में 150 से अधिक दुर्घटना
जानकरों की मानें तो फोरलेन के निर्माण में तकनीकी खामियां हैं जिससे चुटूपालू घाटी में लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल में 150 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. इसमें सबसे अधिक दुर्घटना ब्रेकफेल होने से हुई है. वहीं, रांची की ओर से आ रही गाड़ियों की स्पीड घाटी पहुंचते ही बढ़ जाती है और अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है. अब इस घाटी को स्थानीय लोग मौत की घाटी के नाम से भी जानने लगे हैं. इतना ही नहीं रांची की ओर से घाटी में प्रवेश करेंगे तो पहाड़ों पर मौत की घाटी का स्लोगन देखने को मिल जाएगा. इसके बावजूद दुर्घटना रोकने के लिए एनएचआई और जिला प्रशासन की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.