रामगढ़: जिले में एक बार फिर कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज शनिवार को सामने आया था उसे गोला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में प्राथमिक जांच के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स रेफर किया गया था लेकिन खांसी और बुखार से पीडि़त बाबलौंग गांव निवासी योद्धा मांझी रिम्स से भागकर अपने गांव रविवार की देर रात पहुंच गया. इधर योद्धा के गांव पहुंचने पर कोरोना फैलने की आशंका को लेकर ग्रामीण दहशतजदा हो गए, जिसके बाद ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी. रामगढ़ स्वास्थ्य विभाग में दोबारा योद्धा मांझी को इलाज के लिए सदर अस्पताल रामगढ़ ले जाया गया. सिविल सर्जन के आदेश पर उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया है.
भूटान से गांव आने पर सर्दी, खांसी के साथ बुखार हुआ था तो परिवार वालों ने उसका इलाज के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला लाए थे. जहां उसे कोरोना वायरस का संदिग्ध बीमार बताकर प्राथमिक जांच के बाद रिम्स रेफर किया था लेकिन वह रिम्स से भाग कर वापस गांव आ गया था. इस मामले में सिविल सर्जन डॉ नीलम चौधरी ने बताया कि गोला प्रखंड के संग्रामपुर पंचायत अंतर्गत बाबलौंग गांव निवासी योद्धा मांझी पिछले कई सालों से भूटान में मजदूरी कर रहा था. रामगढ़ में वह शनिवार को ही पहुंचा था. यहां उसकी तबीयत काफी बिगड़ी थी, तो परिवार के लोग इलाज के लिए गोला सरकारी अस्पताल ले गए. वहां चिकित्सक डॉ समीम अख्तर को जब यह पता चला कि योद्धा मांझी भूटान से आया है, तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को दी.