रामगढ़ः क्रिकेट प्रेमी से लेकर हर कोई क्रिकेट स्टार महेंद्र सिंह धोनी का जन्मदिन मना रहा है. रामगढ़ से महेंद्र सिंह धोनी का लगाव बहुत पुराना है. धोनी जब भी झारखंड आते हैं तो देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल मां छिन्नमस्तिका में पूजा करना नहीं भूलते. जिले में उन्होंने कई आयोजनों में भी हिस्सा लिया है. जो यादें अपने आप में धोनी के लिए भी खास है.
बता दें कि कर्नल बनने के बाद धोनी रामगढ़ के सिख रेजीमेंट पहुंचे थे. हालांकि उस दौरान मीडिया को उनसे दूर रखा गया था. वहीं, अगर रामगढ़ से धोनी के कनेक्शन के बारे में बात करें तो धोनी का रामगढ़ से बहुत पुराना कनेक्शन रहा है. चाहे वो क्रिकेट मैदान से हो या माता का मंदिर या सिख रेजीमेंट सेंटर. धोनी खाली समय यहां आकर अपनी यादें ताजा करना नहीं भूलते.
17 साल की उम्र में यहां आकर की थी विकेट किपिंग
1998 में राज्य का ये सितारा सिर्फ 17 साल का था. चेहरे की मासूमियत, बदन की बाल्यता ये बोध न करा सकी कि छावनी परिषद के स्थानीय फुटबॉल मैदान में इन्होंने विकेट किपिंग के गुर सीखे.
पहली बार धोनी हेहल र्स्पोटिंग रांची की तरफ से फुटबॉल मैदान की क्रिकेट पीच पर उतरे थे. बता दें कि उस वक्त रामगढ़ में हर साल लोकनायक जयप्रकाश नारायण मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता था. धोनी विकेट कीपर हुआ करते थे. विश्व के इस महानतम विकेट कीपर को उस वक्त अपने टीम के एक अन्य वरिष्ठ विकेट कीपर वंशी सारंगी से चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता था. उस वक्त ये माना जाता था कि सारंगी धोनी की अपेक्षा बेहतर विकेट कीपर हैं.
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वहीं,धोनी के पांव रामगढ़ की धरती पर साल 1998 से 2002 तक लगातार पड़े. किसी न किसी मैच में वे रामगढ़ आते और कीपिंग के साथ बैटिंग के दौरान चौके छक्के की बरसात करते थे.