रामगढ़: भुरकुंडा रेलवे साइडिंग में रखे गए कोयले के स्टॉक में पिछले 10 दिनों से लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. इसकी शिकायत के बाद दामोदर बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सह जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय भुरकुंडा रेलवे साइडिंग पहुंचे और पूरे क्षेत्र का जायजा लिया. उन्होंने इसके पीछे पैसों का काला खेल चलने की बात कही. साथ ही कहा कि वे इस मामले की शिकायत ईडी से करेंगे.
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सरयू राय ने कोयले की स्टॉक में लगी आग का जायजा लेने के दौरान साइडिंग से होने वाले प्रदूषण से प्रभावित लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली. विधायक सरयू राय ने लोगों की समस्या के समाधान को जल्द से जल्द निपटाने का वादा किया. बता दें कि लगातार फायर ब्रिगेड की टीम आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है. बावजूद इसके अब तक आग पर काबू नहीं पाया गया है. वहीं पूरा इलाका प्रदूषण की भी चपेट में दिख रहा है.
पीआईएल दायर करेंगे सरयू राय: उन्होंने कहा कि कोयले की साइडिंग में घोर लापरवाही बरती जा रही है और इसकी आड़ में पैसे का काला खेल चल रहा है. इस मामले की शिकायत ईडी से की जाएगी. विधायक सरयू राय ने कहा कि यहां के स्थानीय नागरिकों के हस्ताक्षर के बाद स्वयं मैं हाईकोर्ट में पीआईएल दायर कर प्रदूषण से संबंधित केस लड़ूंगा.
'प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से की जाएगी शिकायत': विधायक सरयू राय ने कहा कि रेलवे साइडिंग में कोयले के स्टॉक में लगी आग से बढ़ता प्रदूषण और इसके कारण लोगों को हो रही समस्या को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शिकायत की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस भुरकुंडा रेलवे साइडिंग का वीभत्स नजारा देखा तो लगा कि रेलवे, सीसीएल, जिला प्रशासन और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ग्रामीणों को धीमा जहर दे रहे हैं. रेलवे साइडिंग पर जितना ऊंचा और लंबा कोयले का भंडार खड़ा है, उतना भंडार केवल कोयला खदानों में ही दिखाई पड़ता है. कुल मिलाकर ग्रामीण प्रशासन से भी प्रताड़ित हैं और कोयले के प्रदूषण से भी प्रताड़ित हैं.
किसी का प्रयास नहीं ला रहा रंग:बता दें कि अगलगी की इस घटना के बाद हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा, भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी, विधायक अंबा प्रसाद ने भी स्टॉक में लगी आग को बुझाने को लेकर जिला प्रशासन के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और रेलवे के अधिकारियों से भी बात की थी. साथ ही साथ इन्होंने आग लगने की वजह से हो रहे प्रदूषण को दूर करने के लिए स्थानीय लोगों से बातचीत कर अपने स्तर से काफी प्रयास किया. बावजूद ना आग पर काबू पाया गया और ना ही प्रदूषण कम हुआ.