रामगढ़: 'जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने तब लोगों को उम्मीद थी कि हमें ये दे दें...हमें वो दे दें...लेकिन मेरी पत्नी ने कहा हम मोदीजी से कुछ मांगेंगे नहीं...बल्कि उन्हें देंगे-पॉलिथीन फ्री रामगढ़'. ये हूबहू शब्द रामगढ़ में कोचिंग चलाने वाले एक शख्स की है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरणा लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए अनोखी मुहिम चला रहे हैं. अभियान का नाम रखा 'पॉलिथीन दीजिए पौधे लीजिए'.
'पॉलिथीन फ्री रामगढ़' एक मिशन
कोचिंग संचालक उपेंद्र के लिए 'पॉलिथीन फ्री रामगढ़' सिर्फ एक सपना नहीं है बल्कि इनके लिए यह एक मिशन है. अपनी पत्नी के साथ मिशन को अंजाम देने में जुटे हैं. बताते हैं कि 2014 में दिल्ली घूमने गए थे. तब दिल्ली में प्रदूषण का जो हाल देखा तो रहा नहीं गया. प्रण किया कि रामगढ़ को दिल्ली नहीं बनने देंगे. शहर को पॉलिथीन मुक्त करने का बीड़ा उठाया. तब से लेकर आज तक 7 सालों में 7 टन से अधिक वेस्ट प्लास्टिक को गमले के रूप में विकसित कर पौधों का दान कर चुके हैं. वेस्ट प्लास्टिक के 10 हजार गमलों में पौधे लगाकर खूबसूरत गार्डन भी बनाया है.